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अगर आप भी हैं गृहिणी तो इन छोटे बिजनेस से बदल सकती है जिंदगी, वायरल फुटेज में जाने सरकार कैसे करेगी आपकी मदद

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आज के समय में महिलाएं घर की जिम्मेदारियों के साथ-साथ आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर भी तेजी से कदम बढ़ा रही हैं। खासतौर पर शादीशुदा महिलाएं जो घर के कार्यों में व्यस्त रहती हैं, वे चाहें तो घर बैठे भी एक अच्छा खासा मुनाफा कमा सकती हैं। इसके लिए न तो बहुत बड़ी पूंजी की ज़रूरत होती है और न ही किसी विशेष डिग्री की। अगर आप भी एक गृहिणी हैं और कुछ नया शुरू करने की सोच रही हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है।सरकार भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनका लाभ उठाकर महिलाएं अपने छोटे बिजनेस की शुरुआत कर सकती हैं। आइए जानते हैं कि शादीशुदा महिलाएं घर बैठे कौन-कौन से काम कम लागत में शुरू कर सकती हैं और इसमें सरकार कैसे मदद करती है।

1. पापड़, अचार और घरेलू खाद्य सामग्री बनाना

यह काम बेहद पारंपरिक होने के साथ-साथ लगातार मांग में रहने वाला व्यवसाय है। महिलाएं घर में ही पापड़, अचार, मुरब्बा, मसाले आदि बनाकर लोकल मार्केट, किराना स्टोर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Amazon, Flipkart या Meesho के माध्यम से बेच सकती हैं। लागत बहुत कम है, लेकिन अगर स्वाद और गुणवत्ता अच्छी हो तो मुनाफा कई गुना तक बढ़ सकता है।सरकार की “प्रधानमंत्री फूड प्रोसेसिंग योजना” के तहत महिलाओं को प्रशिक्षण और लोन की सुविधा मिलती है।

2. ब्यूटी पार्लर या मेहंदी डिजाइनिंग का काम

अगर आपके पास ब्यूटी पार्लर का हुनर है या आप मेहंदी लगाने में माहिर हैं, तो यह काम घर से शुरू कर सकती हैं। महिलाएं अपने मोहल्ले या आसपास के क्षेत्र में ग्राहकों को सेवा देकर शुरुआत कर सकती हैं और फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ा सकती हैं।महिला कौशल विकास योजना और स्टैंड अप इंडिया स्कीम जैसी योजनाएं इस क्षेत्र में शुरुआती मदद देती हैं, जिसमें लोन, ट्रेनिंग और मार्केटिंग सहायता शामिल होती है।

3. कपड़ों की सिलाई और बुटीक खोलना

सिलाई का काम हमेशा से एक भरोसेमंद व्यवसाय रहा है। महिलाएं घर बैठे साधारण सिलाई से लेकर बुटीक स्तर तक का काम शुरू कर सकती हैं। आजकल डिज़ाइनर ब्लाउज़, कुर्तियाँ, बच्चों के कपड़े और फैंसी गारमेंट्स की काफी मांग है।सरकार की PMEGP (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना) के तहत मशीन खरीदने के लिए सब्सिडी और लोन उपलब्ध है।

4. मोमबत्ती और अगरबत्ती बनाना

मोमबत्ती और अगरबत्ती का इस्तेमाल धार्मिक और घरेलू कार्यों में लगातार होता रहता है। इसकी शुरुआत बहुत ही कम पूंजी में की जा सकती है और तैयार माल को बाजार या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचा जा सकता है।इसके लिए कौशल विकास योजना के तहत महिलाओं को ट्रेनिंग भी दी जाती है और जरुरत पड़ने पर कच्चा माल उपलब्ध कराने में भी सहायता की जाती है।

5. ऑनलाइन ट्यूशन या कंटेंट राइटिंग

अगर आप पढ़ाई में अच्छी हैं या किसी विशेष विषय में निपुण हैं, तो ऑनलाइन ट्यूशन एक बेहतरीन विकल्प है। इसके लिए मोबाइल, इंटरनेट और थोड़ी सी तैयारी की जरूरत होती है। इसके अलावा कंटेंट राइटिंग, ट्रांसलेशन, डाटा एंट्री जैसे कार्य भी घर बैठे किए जा सकते हैं।डिजिटल इंडिया स्किलिंग प्रोग्राम और महिला ई-हाट जैसी पहलें इन सेवाओं को बढ़ावा देती हैं।

सरकार कैसे करती है मदद?

भारत सरकार महिलाओं को स्वरोजगार और छोटे व्यापार में प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इनमें मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया, महिला उद्यमी योजना, डे-एनआरएलएम जैसी स्कीमें प्रमुख हैं, जिनके तहत लोन, सब्सिडी, ट्रेनिंग और मार्केटिंग सहायता मिलती है।

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