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अगर नाश्ते में करते हैं स्प्राउट्स का सेवन तो हो जाएं सावधान,वरना फायदे की जगह हो सकता है नुकसान

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लाइफस्टाइल न्यूज़ डेस्क,फिटनेस फ्रीक लोग स्प्राउट्स को एनर्जी का पावरहाउस मानते हैं। जिम और एक्सरसाइज लवर्स की तो स्प्राउट्स पहली पसंद होते हैं। ऐसे लोग सुबह खाली पेट स्प्राउट्स खाना पसंद करते हैं, ताकि वो पूरा दिन खुद को एनर्जेटिक महसूस कर सकें। अंकुरित अनाज में विभिन्न प्रकार के विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माने जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार स्प्राउट्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। लेकिन सेहत से जुड़े इसके फायदे लेने के लिए इनका सेवन सावधानीपूर्वक करने की सलाह हमेशा से दी जाती है। जिसके लिए स्प्राउट्स से जुड़े कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है।

स्प्राउट्स खाने से पहले इन नियमों का रखें ख्याल
साफ बर्तन का करें प्रयोग
अनाज को अंकुरित करने के लिए हमेशा साफ बर्तनों का उपयोग किया जाना चाहिए।

सुरक्षित स्वच्छ जल
अंकुरित अनाज को भिगोने और धोने के लिए साफ और सुरक्षित पीने के पानी का इस्तेमाल करें। अगर नल का पानी कठोर या अत्यधिक क्लोरीनयुक्त है, तो इसे पीने से पहले फिल्टर या उबाल लेना चाहिए।

भिगोने से पहले अच्छी तरह धो लें
भिगोने से पहले बीजों को अच्छे से धो लें। भिगोने के बाद, दिन में कम से कम दो बार हर 12 घंटे में स्प्राउट्स को अच्छी तरह से धोकर सुखा लें। गर्मियों में, हर 6 घंटे में स्प्राउट्स को धो लें।

पर्याप्त समय के लिए भिगोएं
अनाज को अंकुरित करने के लिए पानी से भरे एक कटोरे में कमरे के तापमान वाला पानी भरकर कम से कम 6 घंटे या रात भर के लिए अनाज को भिगोकर रख दें। ऐसा करते हुए इस बात का भी खास ख्याल रखें कि अलग-अलग बीज अक्सर अलग-अलग समय पर अंकुरित होते हैं, इसलिए उन्हें अलग-अलग रखने की सलाह दी जाती है।

खाने से पहले चेक करें
अंकुरित अनाज को खाने से पहले हमेशा उसे चेक करके देखना चाहिए। ध्यान रहें अगर अनाज का रंग फीका पड़ गया हो या उसमें से दुर्गंध आ रही हो, उसे फेंक देना चाहिए।

कच्चा खाने से बचें
आयुर्वेद के अनुसार अंकुरित अनाज को शीत प्रकृति का माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह वात और कफ जैसे कुछ दोषों को बढ़ाता है। ऐसे में यदि अंकुरित अनाज का सेवन करने वाले व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, तो बैक्टीरिया से संक्रमित होने के जोखिम से बचने के लिए उन्हें हल्का पकाने की सलाह दी जाती है।

विषाक्त भोजन
कच्चे अंकुरित अनाज को अक्सर खाद्य विषाक्तता से जोड़ा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अंकुरित अनाज में साल्मोनेला, ई. कोली, और लिस्टेरिया जैसे बैक्टीरिया हो सकते हैं। जो फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ा सकते हैं।

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