जीवन में सफलता प्राप्त करना हर किसी का सपना होता है, लेकिन इस सपने को साकार करने के सफर में केवल अपनी मेहनत और योग्यताओं पर ध्यान देना ही काफी नहीं है। कई बार हमारी संगति, हमारे आसपास मौजूद लोग भी हमारे विकास में बड़ा रोल निभाते हैं — या तो वे हमें ऊंचाइयों तक ले जाते हैं या फिर हमें नीचे गिरा देते हैं।इसलिए यदि आप सच में सफलता के शिखर को छूना चाहते हैं तो यह जानना बेहद जरूरी है कि किन तरह के लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। आइए जानते हैं ऐसे लोगों के बारे में, जिनसे दूर रहना आपके जीवन को सकारात्मक दिशा दे सकता है।
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नकारात्मक सोच वाले लोग
नकारात्मकता सिर्फ एक भावना नहीं, बल्कि एक संक्रामक बीमारी की तरह है। ऐसे लोग हमेशा दूसरों की कमियों को उजागर करते हैं, हर समस्या में समाधान खोजने के बजाय समस्या को और बड़ा बनाकर पेश करते हैं। यदि आप ऐसे व्यक्तियों के संपर्क में ज्यादा रहते हैं, तो धीरे-धीरे आपकी आत्मविश्वास भी कमजोर हो सकता है। सफलता की ओर बढ़ते समय खुद को पॉजिटिव सोच वाले लोगों से घेरना बेहद जरूरी है।
हर समय शिकायत करने वाले लोग
कुछ लोग हमेशा जीवन की कठिनाइयों और परेशानियों का रोना रोते रहते हैं। ऐसे लोग ना केवल स्वयं की ऊर्जा नष्ट करते हैं, बल्कि अपने आसपास के लोगों की ऊर्जा भी गिरा देते हैं। यदि आप लगातार शिकायत करने वालों के बीच रहेंगे तो आपके भीतर भी असंतोष पनपने लगेगा, जो आपके लक्ष्य से भटकने का कारण बन सकता है।
जलन और ईर्ष्या करने वाले लोग
जो लोग दूसरों की सफलता से जलते हैं, वे ना तो खुद आगे बढ़ सकते हैं और ना ही दूसरों को बढ़ने देना चाहते हैं। ऐसे लोग आपके उत्साह को तोड़ने का प्रयास करेंगे, आपके आत्मबल को कमजोर करेंगे। इसलिए, सफलता के रास्ते में ऐसे लोगों से दूरी बनाना ही समझदारी है।
आलसी और टालमटोल करने वाले लोग
सपनों को साकार करने के लिए मेहनत और समय का सही उपयोग जरूरी है। लेकिन अगर आपके आस-पास ऐसे लोग हैं जो हर काम को कल पर टालते हैं, आलस करते हैं और मेहनत से बचते हैं, तो उनका प्रभाव आपके ऊपर भी पड़ सकता है। सफलता समय की मांग करती है और समय का सही उपयोग करने वाले ही शिखर पर पहुंचते हैं।
केवल आलोचना करने वाले लोग
रचनात्मक आलोचना आपके विकास के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन कुछ लोग हर काम में दोष निकालने की आदत रखते हैं। ऐसे लोग न तो आपके प्रयासों की सराहना करते हैं, न ही सही मार्गदर्शन देते हैं। इनसे मिलती आलोचना आपके आत्मविश्वास को कमजोर कर सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप ऐसे आलोचक व्यक्तियों से दूर रहें और सकारात्मक प्रतिक्रिया देने वालों से जुड़ें।
निराशावादी लोग
निराशावादी व्यक्ति किसी भी नए अवसर में भी खतरे ही देखते हैं। जब आप कोई नया कदम उठाने की सोचते हैं, तो वे आपको संभावित विफलता का डर दिखाएंगे। अगर आप निराशावादी लोगों के प्रभाव में आ जाएंगे तो आपके भीतर जोखिम उठाने का साहस भी कम हो सकता है। जबकि सफलता उन्हीं को मिलती है जो नए अवसरों को पहचानते हैं और उन पर साहस के साथ कार्य करते हैं।
पीठ पीछे बात करने वाले लोग
जो लोग सामने कुछ और, और पीठ पीछे कुछ और कहते हैं, वे कभी आपके सच्चे शुभचिंतक नहीं हो सकते। ऐसे लोग अक्सर झूठ, अफवाहें और गलतफहमियां फैलाते हैं। यदि आप इनसे जुड़े रहेंगे तो अनजाने में आपके जीवन और करियर में भी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
ज्यादा आश्रित लोग
कुछ लोग हमेशा दूसरों पर निर्भर रहते हैं, स्वयं कोई निर्णय नहीं लेते और हर समय सहायता की अपेक्षा करते हैं। ऐसे लोग आपके समय और ऊर्जा का दुरुपयोग करते हैं। यदि आप उन्हें लगातार सहारा देते रहेंगे, तो आप अपने लक्ष्य से भटक सकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों से उचित दूरी बनाना जरूरी है।
सिर्फ अपना फायदा देखने वाले लोग
जीवन में उन लोगों से भी सतर्क रहना चाहिए जो केवल अपना स्वार्थ देखते हैं। ऐसे लोग केवल तब आपके साथ होंगे जब उन्हें आपसे कोई लाभ मिल रहा हो, और जरूरत खत्म होने पर आपको छोड़ देंगे। सफल व्यक्ति वही होता है जो ईमानदारी और पारस्परिक सम्मान के आधार पर संबंध बनाता है।
प्रेरणा और सकारात्मकता फैलाने वालों का साथ चुनें
जहां तक संभव हो, अपना समय उन लोगों के साथ बिताइए जो आपको प्रोत्साहित करते हैं, आपकी तरक्की से खुश होते हैं और जो स्वयं भी लगातार आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। सकारात्मक सोच वाले, आत्मविश्वासी और मेहनती लोगों की संगति से आपके भीतर भी नए उत्साह और ऊर्जा का संचार होता है।