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अदाणी समूह के खावड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क का आकार ‘हैरान’ करने वाला है : डेनमार्क के पूर्व राजदूत

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कोपेनहेगन/नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। भारत में डेनमार्क के पूर्व राजदूत फ्रेडी स्वेन ने रविवार को कहा कि वह गुजरात के खावड़ा में अदाणी समूह के मेगा रिन्यूएबल एनर्जी (आरई) पार्क की विशालता से ‘हैरान’ हैं।

अनुभवी राजनयिक में से एक फ्रेडी स्वेन ने पिछले साल नवंबर में यूरोपीय संघ (ईयू), बेल्जियम और जर्मनी के राजदूतों के साथ, दुनिया के सबसे बड़े खावड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क का दौरा किया था।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए स्वेन ने कहा, “मैं इसके पीछे की रणनीति और इसकी विशालता से बहुत हैरान था। यह एक आंख खोलने वाला अनुभव था और दिखाता है कि ग्रीन ट्रांजिशन, ग्रीन स्ट्रेटेजिक कॉरपोरेशन कितना महत्वपूर्ण है।”

स्वेन ने आगे कहा कि इस तरह के ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट न केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए अच्छे हैं, बल्कि मानवता के लिए भी आवश्यक हैं, क्योंकि “हमें एक बेहतर और अधिक सस्टेनेबल वर्ल्ड की आवश्यकता है।”

आईएएनएस से पूर्व राजदूत ने कहा, “अगर हम इस जलवायु संकट का समाधान नहीं करेंगे तो हमारी अगली पीढ़ियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।”

राजदूतों की खावड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क यात्रा पर अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा कि उनकी मेजबानी करना सौभाग्य की बात है।

गौतम अदाणी ने कहा कि राजदूतों के साथ चर्चा भारत के ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने और हाइड्रोजन इकोसिस्टम में तेजी लाने के लिए वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने पर केंद्रित थी।

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने अपनी पोस्ट में कहा कि हमारे कार्यालय को यूरोपीय संघ (ईयू), बेल्जियम, डेनमार्क और जर्मनी के राजदूतों की मेजबानी करने का अवसर प्राप्त हुआ। मैं गुजरात के खावड़ा में दुनिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी पार्क और मुंद्रा में भारत के सबसे बड़े पोर्ट, लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल केंद्र की उनकी यात्रा की सराहना करता हूं।

स्वेन ने आगे कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डेनमार्क आए तो उन्हें बहुत खुशी हुई।

पीएम मोदी ने 3-4 मई, 2022 को डेनमार्क की आधिकारिक यात्रा की और अपने डेनिश समकक्ष मेटे फ्रेडरिकसेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।

वार्ता के दौरान, दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-डेनमार्क ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप की प्रगति की समीक्षा की और आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

–आईएएनएस

एबीएस/एबीएम

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