देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने लोगों को सीएनजी कारों की ओर रुख करने पर मजबूर कर दिया है। इसके चलते देश में सीएनजी कारों की मांग भी बढ़ गई है। सीएनसी न केवल पेट्रोल-डीजल से सस्ता है, बल्कि अच्छा माइलेज भी देता है। इसी फायदे के चलते कुछ लोग अपनी कार में बाहर से सीएनजी किट लगवा रहे हैं। अगर आप भी ऐसा करने की सोच रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
दरअसल, कई लोग कार में बाहर से सीएनजी किट लगवाने के बाद बड़ी गलतियां कर बैठते हैं, जिसके कारण उन्हें बाद में पछताना पड़ता है। बाहर से सीएनजी किट लगवाने के बाद हमें उसका रजिस्ट्रेशन भी करा लेना चाहिए ताकि बाद में कोई परेशानी न हो। हम आपको कार में सीएनजी किट लगवाने के बाद बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताएंगे।
यदि आप अपनी कार में बाहर से सीएनजी किट लगवाते हैं तो आपको इसे अपने वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) में दर्ज करवाना होगा। इसके अलावा इसे बीमा पॉलिसी में भी शामिल करना होगा। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो दुर्घटना की स्थिति में बीमा कंपनियां दावा देने से इनकार कर सकती हैं या आपको पूरा दावा नहीं मिल सकता है। इससे बार में परेशानी पैदा हो सकती है।
हम डीलर से सीधे सीएनजी कारें खरीद सकते हैं। हालांकि, कुछ लोग कार खरीदने के बाद बाहर से सीएनजी किट लगवा लेते हैं। यदि आप बाहर से किट लगवा रहे हैं तो आपको ध्यान रखना होगा कि सीएनजी किट स्वीकृत हो, अन्यथा इंजन की सेहत पर असर पड़ सकता है। अगर सही सीएनजी किट न हो तो लीकेज से बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए, स्थानीय किट लगवाने से बचें।
अगर आप अपनी कार में बाहर से सीएनजी किट लगवा रहे हैं तो आपको सीएनजी सर्टिफिकेट भी लेना होगा। सीएनजी प्रमाणपत्र न केवल आपको पुलिस से बचाएगा बल्कि दावों में भी मदद करेगा। इसके अलावा, गाड़ी में सीएनजी लगवाते समय आरटीओ से अनुमति लेकर आरसी को अपडेट कराना पड़ता है, जिसमें आरसी में वाहन के ईंधन का प्रकार बदल दिया जाता है।