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अब आपके बदले AI उड़ाएगा बैंक अकाउंट से पैसा, क्या कर देगा कंगाल?

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वह समय दूर नहीं जब आपको बाजार जाने या ऑनलाइन खरीदारी करने में समय नहीं लगेगा, क्योंकि अब यह काम एआई करेगा। वीज़ा ने “वीज़ा इंटेलिजेंट कॉमर्स” नाम से एक नई योजना शुरू की है, जिसके तहत एआई चैटबॉट्स को आपके क्रेडिट कार्ड तक पहुंच दी जाएगी ताकि वे आपके लिए सामान खरीद सकें। वीज़ा इस योजना में ओपनएआई, एंथ्रोपिक, पेरप्लेक्सिटी और मिस्ट्रल जैसी विश्व प्रसिद्ध एआई कंपनियों के साथ काम कर रही है। कंपनी का कहना है कि भविष्य में एआई एजेंट आपके बजट और पसंद के अनुसार स्वचालित रूप से खरीदारी करेंगे।

बड़ी कंपनियों के साथ हाथ मिलाना

वीजा के चीफ प्रोडक्ट और स्ट्रैटेजी ऑफिसर जैक फॉरेस्टेल ने कहा, “यह योजना उतना ही बदलाव ला सकती है जितना ई-कॉमर्स पहले लाया है। लोगों को अब खुद ब्राउज करने या सामान चुनने में समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा। क्या खरीदना है, क्या पसंद आएगा, कैसे ऑर्डर करना है जैसे सारे काम अब एआई एजेंट करेंगे और इस पर नज़र रखेंगे। वीजा इस नई तकनीक को और भी बेहतर बनाने के लिए आईबीएम, स्ट्राइप और सैमसंग जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम कर रहा है। वीजा का कहना है कि इस तरीके से शॉपिंग करना बेहद आसान हो जाएगा और यह हर ग्राहक की अलग-अलग ज़रूरतों के हिसाब से काम करेगा और सब कुछ सुरक्षित रहेगा।

बस प्राथमिकता और बजट बताएं, बाकी काम AI कर देगा

इस नई तकनीक में अगर कोई ग्राहक एक बार एआई को अपनी पसंद और बजट के बारे में बता देता है तो एआई खुद ही उसके लिए कपड़े, राशन, टिकट आदि खरीद सकेगा। यह सब बिना किसी मानवीय सहायता के होगा। यानी AI खुद तय करेगा कि आपको क्या चाहिए और वो चीजें आपके लिए खरीदेगा। हालाँकि, कुछ लोग इस तकनीक को लेकर चिंतित भी हैं। जैसे क्या हमारी क्रेडिट कार्ड की जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहेगी और क्या AI हमेशा सही चीज खरीदेगा?

एआई शॉपिंग घोटाला पहले भी हो चुका है

इससे पहले भी ऐसा मामला सामने आया था, जब एआई शॉपिंग ऐप नैट ने पूरी तरह से स्वचालित होने का दावा किया था। लेकिन अमेरिकी न्याय विभाग ने खुलासा किया कि उस ऐप के माध्यम से, वास्तव में फिलीपींस में बैठे कॉल सेंटर कर्मचारियों द्वारा मैन्युअल रूप से खरीदारी की जा रही थी। नैट के संस्थापक अल्बर्ट सैनीगर पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया और कहा गया कि उनके ऐप की “स्वचालन दर लगभग शून्य है”। इस मामले ने एआई प्रौद्योगिकी के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि वीजा की यह नई योजना किस हद तक सफल होती है और उपभोक्ताओं का विश्वास जीत पाती है या नहीं।

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