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अब निवेशक नहीं ले पायेंगे यूट्यूब, टेलीग्राम पर ‘स्टॉक टिप्स’? SEBI ने ख़त्म किया फिनफ्लुएंसर्स का ‘खेल’,लाइव मार्केट डेटा पर भी लगा दी रोक

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बिज़नस न्यूज़ डेस्क,मार्केट रेगुलेटर SEBI ने शेयर बाजार से जुड़े कंटेंट बनाने वाले फिनफ्लुएंसर्स (Finfluencers) को करारा झटका दिया है। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने साफ किया कि ऐसे लोग अब शेयर बाजार से जुड़ी एजुकेशन देते समय अब लाइव मार्केट डेटा के इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं और उन्हें तीन महीने पुराने स्टॉक प्राइस का इस्तेमाल करना होगा। SEBI के इस सर्कुलर से उन फिनफ्लुएंसर्स का बोरिया-बिस्तर सिमट सकता है, जो बिना किसी रजिस्ट्रेशन के निवेश से जुड़ी सलाह देने के नाम पर निवेशकों को गुमराह कर रहे थे।

SEBI ने 29 जनवरी की देर रात ‘इनवेस्टर्स एजुकेटर्स’ को लेकर अपने जारी पिछले सर्कुलर पर स्पष्टीकरण जारी किया। इस सर्कुलर में SEBI ने यह साफ किया कि कोई भी व्यक्ति जो शेयर बाजार से जुड़ी एजुकेशन दे रहा है, उसे कम से कम तीन महीने पुराने स्टॉक डेटा का ही इस्तेमाल करना होगा। इसका मतलब यह हुआ कि अब फिनफ्लुएंसर्स लाइव मार्केट में स्टॉक्स को लेकर कोई टिप्स या सिफारिशें नहीं दे सकेंगे। न ही वे लाइव मार्केट में ट्रेड करने का तरीका और इसके जरिए स्टॉक टिप्स और ट्रेडिंग कॉल बताएंगे।

इससे पहले पिछले साल 22 अक्टूबर 2024 को SEBI ने एक सर्कुलर जारी कर रजिस्टर्ड और अनरजिस्टर्ड संस्थाओं के बीच साझेदारी को बैन किया था। लेकिन अब इस नए सर्कुलर से फिनफ्लुएंसर्स की ओर से इनवेस्टमेंट टिप्स के नाम पर चल रहे अवैध व्यापार पर पूरी तरह से रोक लगने की उम्मीद है।

SEBI ने सर्कुलर में साफ किया है कि रजिस्टर्स संस्थाएं अब ऐसे फिनफ्लुएंसर्स के साथ किसी भी तरह का वित्तीय या गैर-वित्तीय रिश्ता नहीं रख सकतीं है, न ही वे उनके चैनलों पर विज्ञापन दे सकती हैं।

SEBI ने यह भी साफ किया है कि इनवेस्टर्स एजुकेशन यानी निवेशकों को शिक्षा देने पर कोई रोक नहीं है। लेकिन इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि ऐसे लोग बिना रजिस्ट्रेशन के निवेश से जुड़ी सलाह न दें और SEBI की अनुमति के बिना किसी स्टॉक के प्रदर्शन से जुड़े दावे न करें।

सर्कुलर में कहा गया है, “जो व्यक्ति केवल शिक्षा प्रदान कर रहा है, उसे इस बात का ध्यान रखना होगा कि वह SEBI की ओर से प्रतिबंधित किसी भी गतिविधि में शामिल न हो। ऐसे व्यक्ति को पिछले तीन महीनों के बाजार डेटा का इस्तेमाल किए बिना किसी भी शेयर के नाम, कोड, स्क्रीन शेयर या टिकर आदि का इसतेमाल नहीं करना चाहिए, जिससे किसी स्टॉक का भाव, भविष्य की कीमत, निवेश से जुड़ी सलाह या सिफारिश का संकेत मिले।”

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