डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय डाक विभाग (India Post) ने अब आधार बायोमेट्रिक आधारित e-KYC प्रक्रिया को लागू कर दिया है, जिसके जरिए ग्राहक अब पोस्ट ऑफिस की प्रमुख बचत योजनाओं में खाता खोलने और निवेश करने का काम पूरी तरह ऑनलाइन और आसान तरीके से कर सकते हैं।
इस सुविधा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब ग्राहकों को बार-बार पोस्ट ऑफिस जाकर लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब वे अपने आधार और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की मदद से PPF, सुकन्या समृद्धि योजना, मंथली इनकम स्कीम (MIS), समय जमा (TD), किसान विकास पत्र (KVP) और NSC जैसी योजनाओं में घर बैठे निवेश कर सकते हैं।
आधार बायोमेट्रिक से e-KYC क्या है?
जब आप आधार कार्ड बनवाते हैं, तब आपकी बायोमेट्रिक जानकारी जैसे फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन को UIDAI के सिस्टम में स्टोर किया जाता है। इस बायोमेट्रिक डेटा का उपयोग अब पोस्ट ऑफिस भी कर रहा है ताकि खाता खोलने और लेन-देन की प्रक्रिया को सरल, तेज और सुरक्षित बनाया जा सके।
इस प्रक्रिया में ग्राहक को फिंगरप्रिंट के जरिए पहचान प्रमाणित करनी होती है, जिससे उसका KYC बिना कागज के पूरा हो जाता है। इसके लिए कोई हार्ड कॉपी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होती।
कौन-कौन सी योजनाएं अब डिजिटल रूप से खुल सकती हैं?
डाक विभाग ने जिन योजनाओं को इस डिजिटल प्रक्रिया से जोड़ा है, उनमें शामिल हैं:
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Public Provident Fund (PPF)
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Sukanya Samriddhi Yojana (SSY)
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Monthly Income Scheme (MIS)
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Time Deposit (TD)
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Kisan Vikas Patra (KVP)
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National Savings Certificate (NSC)
अब ये योजनाएं डाकघर में जाकर फॉर्म भरने के बजाय, ऑनलाइन e-KYC के जरिए कुछ मिनटों में खोली जा सकती हैं।
फॉर्म कैसे भरें और दस्तावेज़ कैसे संभालें?
ग्राहकों को खाता खोलने के लिए डिजिटल या ऑफलाइन विकल्प दिया जा रहा है। डिजिटल मोड में ग्राहक को:
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e-KYC के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा
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फॉर्म पर आधार नंबर आंशिक रूप से छिपे रहते हैं, ताकि गोपनीयता बनी रहे
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पोस्टमास्टर और CBS केंद्रों को निर्देश दिए गए हैं कि फिजिकल और डिजिटल फॉर्म पर अगर पूरा आधार नंबर दिखता है, तो पहले 8 अंकों को मैन्युअली ब्लैक आउट किया जाए
यह डेटा प्राइवेसी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
खाता खोलने की पूरी प्रक्रिया
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पोस्टल असिस्टेंट (PA) काउंटर पर ग्राहक की मदद से प्रक्रिया शुरू करता है।
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ग्राहक का फिंगरप्रिंट स्कैन करके आधार बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाता है।
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सिस्टम में ग्राहक का नाम, योजना का चयन, निवेश राशि जैसी जरूरी जानकारी भरी जाती है।
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खाता खोलने के लिए दो बार फिंगरप्रिंट स्कैन की जरूरत होती है – एक e-KYC के लिए और दूसरा लेन-देन की पुष्टि के लिए।
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पे-इन वाउचर की कोई जरूरत नहीं होती, क्योंकि डिजिटल फॉर्म में जो राशि दर्ज की जाती है, वही अंतिम मानी जाती है।
इस प्रक्रिया से खाता मिनटों में खुल जाता है और ग्राहक को तत्काल निवेश करने की सुविधा मिलती है।
आधार बायोमेट्रिक लॉक/अनलॉक की सुविधा
UIDAI ने बायोमेट्रिक डेटा की सुरक्षा के लिए आधार बायोमेट्रिक लॉक/अनलॉक फीचर भी दिया है। इससे आप अपने बायोमेट्रिक डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं और जब आवश्यकता हो तभी उसे अनलॉक कर सकते हैं। यह सेवा पोस्ट ऑफिस की e-KYC प्रक्रिया में अतिरिक्त सुरक्षा देती है।
निवेशक के लिए फायदे
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पेपरलेस और तेज प्रक्रिया
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पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं में ऑनलाइन निवेश की सुविधा
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आधार आधारित वेरिफिकेशन से समय की बचत
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डेटा सुरक्षा और गोपनीयता का ध्यान
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ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में भी डिजिटल वित्तीय समावेशन
आगे क्या?
डाक विभाग की यह पहल उन करोड़ों भारतीयों के लिए राहत लेकर आई है जो पारंपरिक प्रक्रिया के कारण निवेश से दूर रहते थे। अब न केवल खाता खोलना आसान हुआ है, बल्कि इसकी डिजिटल निगरानी और निवेश की योजना बनाना भी सुविधाजनक हो गया है।