टेक न्यूज़ डेस्क –भारत और खासकर गुजरात का जामनगर जल्द ही एक बड़े टेक सेंटर के तौर पर वैश्विक मानचित्र पर अपनी पहचान बनाने जा रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने जामनगर में दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनाने का ऐलान किया है। इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा, बल्कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में भी एक अग्रणी शक्ति के तौर पर अपनी जगह बना सकता है। इस डेटा सेंटर की क्षमता और लेटेस्ट तकनीक इसे बेहतरीन बनाएगी।
नए प्रोजेक्ट की घोषणा के साथ ही जामनगर वैश्विक टेक समुदाय के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। इस डेटा सेंटर की क्षमता 3 गीगावाट होगी, जो इसे दुनिया में इस समय मौजूद किसी भी डेटा सेंटर से काफी बड़ा बनाती है। इस क्षमता का मकसद भारत में AI सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करना है। आज के डिजिटल युग में डेटा की अहमियत किसी से छिपी नहीं है और इस डेटा को सही तरीके से स्टोर और प्रोसेस करने के लिए हाई-कैपेसिटी वाले डेटा सेंटर की जरूरत है। रिलायंस का यह कदम डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में भारत को दुनिया के सबसे मजबूत देशों में से एक बना देगा।
रिलायंस एआई में दिलचस्पी ले रहा है
जामनगर में डेटा सेंटर स्थापित करने के पीछे एक और बड़ा कारण रिलायंस की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में बढ़ती दिलचस्पी है। एआई आज की सबसे लोकप्रिय तकनीकों में से एक है, जिसका इस्तेमाल अलग-अलग क्षेत्रों में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। रिलायंस इस डेटा सेंटर का इस्तेमाल एआई रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए एक मजबूत आधार के रूप में करेगा। यह सेंटर न केवल रिलायंस की अपनी एआई परियोजनाओं का समर्थन करेगा, बल्कि अन्य भारतीय कंपनियों और संगठनों को भी एआई के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद करेगा।
डेटा सेंटर परियोजना को NVIDIA जैसी वैश्विक कंपनियों से भी समर्थन मिल रहा है, जो एआई और सेमीकंडक्टर तकनीक में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती है। NVIDIA के साथ साझेदारी से रिलायंस को आधुनिक एआई हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर तक पहुंच मिलेगी, जिससे डेटा सेंटर की क्षमता और दक्षता बढ़ेगी। इस साझेदारी से भारत में एआई इकोसिस्टम के विकास में सुधार होगा।
रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे
डेटा सेंटर की स्थापना से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा। इस परियोजना से बड़ी संख्या में रोजगार पैदा हो सकते हैं, जिसका फायदा जामनगर और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को होगा। इसके अलावा यह डेटा सेंटर अन्य व्यवसायों और उद्योगों को भी आकर्षित करेगा।