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अब समुद्र में 6000 मीटर तक की गहराई में गोता लगाना होगा आसान, भारत जल्द लॉन्च करेगा ये खास मशीन

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टेक न्यूज़ डेस्क –तकनीक के मामले में भारत किसी से पीछे नहीं है। भारत में कई स्वदेशी तकनीकें सफल रही हैं। इन्हीं में से एक है ह्यूमन अंडरवाटर सबमर्सिबल। ह्यूमन अंडरवाटर सबमर्सिबल को पूरी तरह से भारत में ही तैयार किया गया है। यह अत्याधुनिक विज्ञान में देश की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। आइए आपको बताते हैं कि यह ह्यूमन अंडरवाटर सबमर्सिबल कैसे काम करेगी और इसमें क्या खास होगा।

ह्यूमन अंडरवाटर सबमर्सिबल
पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि अंडरवाटर सबमर्सिबल एक मानव वाहन है जो गहरे समुद्र में चलता है। डीप ओशन मिशन के तहत यह समुद्र में 500 मीटर की गहराई तक जा सकता है। अगले साल तक इसे 6000 मीटर गहराई तक ले जाने का प्रयास किया जाएगा। इस बड़े वाहन के ट्रांसपोर्टेशन सपोर्ट के लिए एक बड़े प्लेटफॉर्म की जरूरत होती है। वहीं, इस पनडुब्बी की क्षमता ज्यादा है और यह लंबे समय तक समुद्र में रह सकती है और आराम से चल सकती है।

अंडरवाटर सबमर्सिबल की ये है खास बात
जितेंद्र सिंह के मुताबिक, इस साल ये सबमर्सिबल 500 मीटर की गहराई पर काम करेगी। लेकिन आने वाले साल 2026 में इसका लक्ष्य 6,000 मीटर की गहराई तक पहुंचना है। भारत के कई ऐतिहासिक मिशनों की तरह ये भी इसी समय सीमा को बनाए रखेगा। इसमें गगनयान अंतरिक्ष मिशन भी शामिल है।

भारत का डीप ओशन मिशन क्या है?
अगर इस मिशन के मकसद की बात करें तो इस मिशन का मकसद भारत की ब्लू इकॉनमी को मजबूत करना है। डीप ओशन मिशन का मकसद खनिजों, धातुओं और अज्ञात समुद्री जैव विविधता के साथ ज्यादा से ज्यादा स्रोतों की खोज करना है। ये देश की आर्थिक वृद्धि और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए बहुत जरूरी है। इस मिशन का मकसद सिर्फ महासागरों की गहराई का पता लगाना ही नहीं है बल्कि भारत की ब्लू इकॉनमी को भी मजबूत करना है। जो भारत के भविष्य के लिए अच्छा साबित हो सकता है।

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