आजकल युवाओं में दिल के दौरे के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली स्थित आकाश हेल्थकेयर द्वारा किए गए पांच साल के अध्ययन से पता चला है कि कोविड-19 महामारी के बाद दिल के दौरे के मामलों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है और आपातकालीन मामलों में 60 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। यह जानकारी द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दी गई है। अक्सर देखा गया है कि समय रहते हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानना तो संभव है, लेकिन लापरवाही या देर से प्रतिक्रिया के कारण मरीज की जान खतरे में पड़ जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर दिल के दौरे के लक्षण तुरंत पहचान लिए जाएं तो किसी की जान बचाई जा सकती है?
दिल के दौरे की पहचान क्यों महत्वपूर्ण है?
जब दिल के दौरे को पहचानने और उपचार शुरू करने की बात आती है तो हर एक सेकंड कीमती होता है। इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, मिसिसिपी विश्वविद्यालय (यूएम) की एक टीम ने एक नई तकनीक विकसित की है जो पारंपरिक तरीकों की तुलना में दिल के दौरे का अधिक तेजी से और अधिक सटीक रूप से पता लगा सकती है।
यह नई तकनीक क्या है?
विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर केसेम खलील और उनकी टीम ने एआई और उन्नत गणितीय मॉडलिंग की मदद से एक विशेष चिप तैयार की है। यह चिप हृदय की विद्युतीय गतिविधि (ईसीजी) का विश्लेषण करके वास्तविक समय में दिल के दौरे का पता लगा सकती है।
चिप का उपयोग कैसे करें?
इस चिप को किसी भी पहनने योग्य डिवाइस जैसे स्मार्टवॉच या हेल्थ बैंड में लगाया जा सकता है और इसकी सटीकता 92.4% तक सिद्ध हो चुकी है। यह अध्ययन इंटेलिजेंट सिस्टम्स ब्लॉकचेन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
विशेषज्ञों ने क्या कहा?
प्रोफेसर खलील ने कहा, “जब किसी मरीज को दिल का दौरा पड़ता है, तो जितनी जल्दी इलाज शुरू किया जाता है, उतना ही कम स्थायी नुकसान होता है। यह सब समय पर निर्भर करता है।” यह तकनीक अन्य उपचारों से किस प्रकार भिन्न है?
चिप के लाभ
अभी तक हार्ट अटैक की पहचान के लिए मरीज को अस्पताल ले जाना पड़ता है, जहां ईसीजी समेत अन्य जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाती है। हालाँकि, आजकल बाजार में एप्पल और सैमसंग जैसी कंपनियों की घड़ियाँ मौजूद हैं, जो हृदय गति और दिल की धड़कन की अनियमितताओं पर नज़र रखती हैं। लेकिन वे अभी भी वास्तविक समय में दिल के दौरे की पहचान करने में उतने प्रभावी नहीं हैं।
उदाहरण के लिए, 2024 में सैमसंग ने भारत में अपने गैलेक्सी वॉच पर अनियमित हृदय ताल अधिसूचना (IHRN) सुविधा शुरू की, लेकिन यह भी केवल अनियमित दिल की धड़कन का पता लगा सकता है, दिल के दौरे का नहीं। यूएम टीम का कहना है कि यदि इस तकनीक को मोबाइल फोन या स्मार्टवॉच जैसे उपकरणों में लागू किया जाए तो दिल के दौरे की पहचान में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा और मरीज को समय पर उपचार मिल सकेगा।