जून 2025 में अपने पूर्व पति संजय कपूर के आकस्मिक निधन के बाद, बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर की निजी ज़िंदगी एक बार फिर चर्चा में आ गई है। ज़्यादातर लोगों का ध्यान उनकी पिछली शादी पर रहा है, वहीं कई लोग उनके जीवन के एक पुराने अध्याय पर भी नज़र डाल रहे हैं।
करिश्मा कपूर-अभिषेक बच्चन का रिश्ता आपको बता दें कि साल 2002 में करिश्मा कपूर ने अभिषेक बच्चन के साथ एक हाई-प्रोफाइल सगाई की थी, जो बॉलीवुड की सुर्खियों में रही थी। साल 2002 में कपूर और बच्चन परिवार ने एक बड़ा ऐलान किया जिसने सभी को चौंका दिया।
खबरें आईं कि करिश्मा कपूर और अभिषेक बच्चन ने सगाई कर ली है। यह खबर अमिताभ बच्चन के 60वें जन्मदिन समारोह के दौरान सामने आई और यह उस समय की सबसे चर्चित घटनाओं में से एक बन गई। हालाँकि, एक साल से भी कम समय बाद यानी 2003 में, दोनों परिवारों ने कारणों को गुप्त रखते हुए अचानक सगाई तोड़ दी।
इसके बाद, करिश्मा कपूर ने 2003 में दिल्ली के मशहूर बिज़नेसमैन संजय कपूर से शादी की, जबकि अभिषेक बच्चन ने 2007 में बॉलीवुड अभिनेत्री और पूर्व मिस वर्ल्ड ऐश्वर्या राय से शादी की।
‘अभिषेक बच्चन ने मुझे अकेला कर दिया’ संजय कपूर से शादी के सालों बाद, करिश्मा कपूर ने स्वीकार किया है कि अभिषेक बच्चन के साथ उनकी टूटी सगाई ने उन्हें पूरी तरह तोड़ दिया था। रेडिफ़ को दिए एक पुराने इंटरव्यू में, उन्होंने उस समय को अपने लिए “दर्दनाक” बताया था। अभिषेक बच्चन ने मुझे अकेला छोड़ दिया। करिश्मा कपूर ने सबके सामने रखा दर्दनाक सच – करिश्मा कपूर ने कहा – यह जानबूझकर किया गया था। मैं अपने खोल में सिमट गई थी। मैं अपना दुख सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने के लिए तैयार नहीं थी। मैंने एक गरिमापूर्ण मौन चुना क्योंकि मैं एक ऐसी ही इंसान हूँ। मैं हमेशा से कम बोलने वाली महिला रही हूँ। –
करिश्मा कपूर ने 2003 के शुरुआती महीनों को अपने जीवन के सबसे कठिन पलों में से एक बताया। उन्होंने कहा- इस साल की शुरुआत मेरे लिए बहुत दर्दनाक रही। मैं नहीं चाहती कि कोई भी लड़की इससे गुज़रे। मुझे अपने दर्द और पीड़ा से अकेले ही जूझना पड़ा। ‘समय सबसे अच्छा मरहम है’- करिश्मा कपूर ने आगे कहा- मुझे लगता है कि समय सबसे अच्छा मरहम है। हालांकि मैंने बहुत कुछ सहा है, लेकिन जो भी हुआ मैंने उसे स्वीकार किया है। मैं बस यही कहूंगी कि जो होना है, वो होना ही है। मैं भावनात्मक रूप से अपनी समस्याओं का सामना करने के लिए तैयार नहीं थी। जिंदगी आपको अलग-अलग पत्ते देती है। आपको बस उनके साथ चलना होता है। -इस सब के दौरान करिश्मा कपूर अपने परिवार को भी अपने साथ खड़े रहने का श्रेय देती हैं। उन्होंने कहा- अगर मेरे माता-पिता (बबीता और रणधीर कपूर), बहन (करीना कपूर), मेरी दादी (कृष्णा राज कपूर), मेरी दोनों मौसियां (रीमा जैन और रितु नंदा) और मेरे करीबी दोस्त न होते, तो मैं इस सदमे से उबर नहीं पाती।