सर्दियां में घर की चादरें और कंबल हर दिन बदलना मुश्किल होता है, क्योंकि इन दिनों धूप भी ज्यादा नहीं निकलती। इसके कारण भारी चादरों को सूखने में कठिनाई हो सकती है। लेकिन गंदे और इस्तेमाल किए गए चादरें और तकिए के कवर जिन्हें लंबे समय तक नहीं बदला जाता, बीमारियों का कारण बन सकते हैं। बैक्टीरिया और धूल के साथ-साथ इसमें छोटे-छोटे हानिकारक कण भी जमा हो जाते हैं। इससे श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानें कि गंदे कपड़े पहनने से क्या नुकसान हो सकते हैं और वॉशिंग मशीन की एक सेटिंग बदलने से आपके कपड़ों से धूल और गंदगी कैसे दूर हो जाएगी।
गंदे चादरों और कपड़ों के संपर्क में आने से होने वाले हानिकारक प्रभाव
1. यदि आप अपने घर में बिस्तर की चादरें एक सप्ताह के भीतर नहीं बदलते हैं, तो उनसे निकलने वाले कीटाणु गोनोरिया और निमोनिया जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
2. यदि कोई व्यक्ति एक ही चादर पर 1 महीने तक सोता है, वह भी बिना धोए, तो उसे गोनोरिया, निमोनिया से लेकर गले में संक्रमण जैसे गंभीर संक्रमण होने की संभावना होती है।
3. यदि आप लंबे समय तक अपनी चादरें साफ नहीं करते हैं, तो इससे आपकी नींद, प्रतिरक्षा प्रणाली और कई अन्य बीमारियां प्रभावित हो सकती हैं।
आपके कपड़े वॉशिंग मशीन में ही कीटाणुरहित हो जाएंगे।
इसके लिए आपको अपनी वॉशिंग मशीन की सेटिंग बदलनी होगी। एक अध्ययन के अनुसार, 140 डिग्री फारेनहाइट (60 डिग्री सेल्सियस) या इससे अधिक तापमान पर कपड़े धोने से कपड़ों में मौजूद सभी धूल और हानिकारक कण नष्ट हो जाते हैं।
इसके अलावा, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए आपको हर 4 दिन में कम से कम एक बार अपनी चादरें बदलनी चाहिए। मौसम बदलने से कपड़े सूखने की समस्या हो सकती है, लेकिन मौसम बदलने से बीमारियां भी आती हैं।
कुछ अन्य सुझाव
कपड़े धोते समय कभी भी पाउडर को सीधे वॉशिंग मशीन में न डालें। सबसे पहले आपको मशीन में पानी और कपड़े या चादरें मिलानी होंगी, फिर डिटर्जेंट पाउडर डालकर कपड़े धोने होंगे।