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अलग-अलग चार्जेज के नाम पर बैंक ऐसे काटते हैं आपकी जेब, ATM फी से पेनल्टी तक का होता है खेल

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आज के डिजिटल दौर में बैंकिंग हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। हर किसी के पास एक या उससे ज़्यादा बैंक अकाउंट, डेबिट कार्ड और मोबाइल बैंकिंग की सुविधा होती है। हम अक्सर सोचते हैं कि बैंक में पैसा सुरक्षित है और कोई जोखिम नहीं है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बैंक भी आपसे कई तरह के छुपे हुए चार्ज वसूलते हैं? ये चार्ज इतने छोटे होते हैं कि आम तौर पर इन पर किसी का ध्यान नहीं जाता, लेकिन साल भर में ये आपके खाते से हज़ारों रुपये तक ले सकते हैं।

चलिए आपको सरल भाषा में समझाते हैं कि ये बैंकिंग चार्ज कौन-कौन से हैं और कैसे आप इनसे बच सकते हैं।

1. ATM ट्रांजैक्शन फीस

अगर आप बार-बार ATM से पैसे निकालते हैं, तो सावधान हो जाइए।

  • मेट्रो शहरों में महीने में 3 बार और नॉन-मेट्रो शहरों में 5 बार तक ATM से कैश निकालना फ्री होता है।

  • इसके बाद हर ट्रांजैक्शन पर ₹20+GST तक का चार्ज लिया जाता है।

बचाव का तरीका: जरूरत न हो तो बार-बार ATM से पैसे न निकालें। UPI, डिजिटल वॉलेट या डेबिट कार्ड पेमेंट का ज़्यादा उपयोग करें।

2. मिनिमम बैलेंस न रखने पर पेनल्टी

ज्यादातर बैंक अपने खाताधारकों से एक न्यूनतम बैलेंस (Minimum Balance) बनाए रखने की शर्त रखते हैं।

  • यह ₹500 से ₹10,000 तक हो सकता है।

  • अगर बैलेंस कम हुआ तो ₹100 से ₹600 तक की पेनल्टी हर महीने कट सकती है।

बचाव का तरीका: यदि आप अकाउंट में न्यूनतम राशि नहीं रख सकते, तो जीरो बैलेंस अकाउंट खुलवाएं। यह खासकर छात्रों और सैलरी अकाउंट के लिए अच्छा विकल्प है।

3. डेबिट कार्ड एनुअल चार्ज

जब आप बैंक अकाउंट खुलवाते हैं, तो डेबिट कार्ड मिलता है।

  • इसके लिए ₹100 से ₹500 तक सालाना चार्ज देना होता है।

  • कार्ड गुम होने पर नया मंगवाने पर भी अतिरिक्त शुल्क लगता है।

बचाव का तरीका: कार्ड का सुरक्षित तरीके से उपयोग करें और बिना ज़रूरत के बार-बार कार्ड न बदलवाएं।

4. SMS अलर्ट चार्ज

4बैंक हर ट्रांजैक्शन का SMS भेजते हैं।

  • इसके लिए कई बैंक ₹15 से ₹100 सालाना चार्ज लेते हैं।

बचाव का तरीका: आप चाहें तो SMS अलर्ट बंद करवाकर मोबाइल ऐप के नोटिफिकेशन से ही काम चला सकते हैं।

5. चेक बाउंस चार्ज

अगर आपने किसी को चेक दिया और खाते में पर्याप्त पैसे नहीं थे, तो वह चेक बाउंस हो सकता है।

  • इसके लिए ₹300 से ₹700 तक का चार्ज लगता है।

  • साथ ही यह कानूनी जुर्म भी माना जाता है।

बचाव का तरीका: चेक जारी करने से पहले सुनिश्चित करें कि खाते में पर्याप्त बैलेंस हो।

6. कैश डिपॉजिट और निकासी चार्ज

कई बैंक अब ब्रांच में बार-बार जाने पर भी चार्ज लगाने लगे हैं।

  • हर महीने सीमित बार कैश जमा या निकासी फ्री होती है।

  • इसके बाद प्रत्येक बार ₹150 तक का चार्ज लिया जाता है।

बचाव का तरीका: ज़रूरत न हो तो ब्रांच जाने से बचें। डिजिटल मोड से लेनदेन करें।

7. फंड ट्रांसफर चार्ज (NEFT, RTGS, IMPS)

  • कुछ बैंक अब भी NEFT, RTGS और IMPS ट्रांजैक्शन पर चार्ज लेते हैं।

  • जबकि कई सरकारी और प्राइवेट बैंक अब यह सुविधा मुफ्त में दे रहे हैं।

👉 बचाव का तरीका: जिस बैंक में ट्रांजैक्शन फ्री हैं, वहां खाता खोलें या मोबाइल ऐप से ट्रांजैक्शन करें।

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