बिज़नेस न्यूज़ डेस्क – वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख की तरह ही घरेलू शेयर बाजारों में भी सोमवार (13 जनवरी) को सप्ताह के पहले कारोबारी सत्र में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। महंगाई के आंकड़ों, कमजोर वैश्विक संकेतों और दिसंबर तिमाही (Q3FY25) के नतीजों को लेकर अनिश्चितता के चलते आज भी बाजार में बिकवाली हावी रही। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स सोमवार (13 जनवरी) को 844 अंकों की भारी गिरावट के साथ 76,535.24 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 1129 अंकों तक फिसल गया था। अंत में सेंसेक्स 1049 अंक यानी 1.36 फीसदी का गोता लगाकर 76,330 पर बंद हुआ।
सोमवार (13 जनवरी) को शेयर बाजार में गिरावट की चार बड़ी वजहें?
1. विदेशी निवेशक (एफआईआई) लगातार घरेलू शेयर बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं। डॉलर इंडेक्स में मजबूती, रुपये में गिरावट और ट्रंप 2.0 को लेकर अनिश्चितता एफआईआई द्वारा की गई बिकवाली की मुख्य वजहें हैं।
2. घरेलू कंपनियों के दूसरी तिमाही के सुस्त नतीजों के बाद तीसरी तिमाही के नतीजों को लेकर आशंकाओं ने भी निवेशकों में घबराहट पैदा कर दी है।
3. अमेरिका में नौकरियों के मजबूत आंकड़ों ने ब्याज दरों में तत्काल कटौती की संभावनाओं को बड़ा झटका दिया है। इसके चलते बाजार के सेंटिमेंट पर असर पड़ा है।
4. इसके अलावा ब्रेंट क्रूड की कीमत 81 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है। डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट जारी है। इन वजहों से भी बाजार के सेंटिमेंट पर असर पड़ा है।
निवेशकों को 12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
सोमवार को शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट के चलते निवेशकों को 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप (एमकैप) सोमवार (13 जनवरी) को 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घटकर 4,17,15,124 करोड़ रुपये रह गया। शुक्रवार को यह 4,29,67,835 करोड़ रुपये था।
क्या है वैश्विक बाजारों का हाल? वैश्विक बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है। एशिया-प्रशांत बाजारों ने इस सप्ताह की शुरुआत कमजोर तरीके से की है। एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कोस्पी, हांगकांग का हैंग सेंग और चीन का शंघाई कंपोजिट नुकसान में रहा। जापान के बाजार आज छुट्टी के कारण बंद रहे। शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। डाउ जोंस 1.63%, एसएंडपी 500 1.54% और नैस्डैक 1.63% की गिरावट के साथ बंद हुए। दिसंबर में अमेरिका में 2,56,000 नई नौकरियां जुड़ीं, जो 1,55,000 के अनुमान से कहीं अधिक थीं। बेरोजगारी दर भी गिरकर 4.1% पर आ गई। इस मजबूत जॉब डेटा के कारण ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी हुई और 10 साल की ट्रेजरी यील्ड 2023 के अंत के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।