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आखिर क्या होता है अपॉर्च्युनिटीज फंड,अपना पैसा लगाने से पहले जान लें यह जरुरी बातें

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बिज़नस न्यूज़ डेस्क,बड़ौदा बीएनपी पारिबा म्यूचुअल फंड ने अपना न्यू फंड ऑफर (एनएफओ), बड़ौदा बीएनपी पारिबा एनर्जी अपॉर्च्युनिटीज फंड लॉन्च किया है. यह एनएफओ 21 जनवरी 2025 से 4 फरवरी 2025 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा. यह स्‍कीम निवेशकों को लगातार ग्रोथ कर रहे एनर्जी सेक्टर से लाभ उठाने के लिए डिजाइन की गई है, क्योंकि भारत एक विकासशील से विकसित अर्थव्यवस्था में बदल रहा है.

क्या होता है अपॉर्चुनिटी फंड (Opportunity Fund)- यह एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता है, जो बाजार की संभावनाओं और अवसरों को ध्यान में रखकर निवेश करता है.

इस फंड का मुख्य उद्देश्य ऐसी कंपनियों, क्षेत्रों, या एसेट्स में निवेश करना है, जहां तेजी से ग्रोथ की संभावना हो और निवेशक को उच्च रिटर्न मिल सके.

अपॉर्चुनिटी फंड का उद्देश्य- उच्च रिटर्न: बाजार के उभरते अवसरों का लाभ उठाकर निवेशकों को उच्च लाभ प्रदान करना. रिस्क मैनेजमेंट: विविध पोर्टफोलियो बनाकर जोखिम को संतुलित करना. लंबी अवधि का निवेश: यह फंड मुख्यतः लंबी अवधि में अच्छा प्रदर्शन देने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

बड़ौदा बीएनपी पारिबा एसेट मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एएमसी) के सीईओ सुरेश सोनी ने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि “ऊर्जा समृद्धि की कुंजी है”. इतिहास बताता है कि विकासशील से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था वाले देशों में इस बदलाव के दौरान एनर्जी की मांग बढ़ जाती है.

भारत की GDP में अगले 5 साल में 1.9 गुना ग्रोथ का अनुमान है, इसलिए भारत की एनर्जी डिमांड भी 1.7 गुना बढ़ने की संभावना है. बड़ौदा बीएनपी पारिबा एनर्जी अपॉर्च्युनिटीज फंड भारत के एनर्जी सेक्टर में ग्रोथ से निवेशकों के लिए लाभदायक निवेश अवसरों को खोलने के लिए तैयार है.

भारत में एनर्जी की बढ़ रही है डिमांड- चीन में 2003 और 2023 के बीच, प्रति व्यक्ति एनर्जी कंजम्पशन 1.5 मेगावाट घंटे (MWh) से बढ़कर 6.6 मेगावाट घंटे (MWh) हो गया, जो जीडीपी विस्तार से जुड़ी मजबूत ग्रोथ को दर्शाता है. इसी तरह, दक्षिण कोरिया में एनर्जी कंजम्पशन ने भी जीडीपी में प्रति व्यक्ति ग्रोथ के अनुसार रही है. भारत अब इसी तरह की ग्रोथ की राह पर है, जिसमें घरों, खेती, इंडस्‍ट्री, कमर्शियल प्रतिष्ठानों और इंफ्रास्ट्रक्चर में एनर्जी की व्यापक डिमांड है.

बड़ौदा बीएनपी पारिबा एसेट मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एएमसी) के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर – इक्विटी और इस स्‍कीम के लिए फंड मैनेजर संजय चावला ने कहा कि ऊर्जा निवेश के लिए एक व्यापक थीम है, जिसमें अलग अलग सेक्टर और सब-सेक्टर में निफ्टी 500 इंडेक्‍स के लगभग एक तिहाई शेयर शामिल हैं.

इसके अलावा, हमारी रिसर्च से पता चलता है कि निफ्टी एनर्जी टोटल रिटर्न इंडेक्स (निफ्टी एनर्जी टीआरआई) में न सिर्फ निफ्टी 500 टोटल रिटर्न इंडेक्स की तुलना में लोअर प्राइस-टु-इक्विटी और प्राइस-टु-बुक रेश्‍यो है, बल्कि यह ब्रॉडर मार्केट की तुलना में हाई डिविडेंड यील्ड और तेज अर्निंग ग्रोथ का दावा भी करता है.

अर्थव्यवस्था की मांग को पूरा करने के लिए एनर्जी के सोर्स में कोयला, कच्चा तेल, गैस, न्‍यूक्लियर, सोलर, विंड, हाइड्रो, जियोथर्मल और हाइड्रोजन शामिल हैं.

बड़ौदा बीएनपी पारिबा एनर्जी अपॉर्च्युनिटीज फंड अपने एसेट्स का कम से कम 80 फीसदी हिस्सा ट्रेडिशनल और न्‍यू एनर्जी की खोज, उत्पादन, डिस्ट्रीब्यूशन, ट्रांसपोर्टेशन और प्रोसेसिंग में शामिल हर मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों के इक्विटी विकल्‍पों में आवंटित करेगा.

ऐतिहासिक रूप से मजबूत प्रदर्शन-बड़ौदा बीएनपी पारिबा एएमसी द्वारा की गई रिसर्च में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि निफ्टी एनर्जी टीआरआई ने 31 दिसंबर 2024 को समाप्त होने वाली 3, 5, 7 और 10 साल की अवधि में निफ्टी 500 टीआरआई से बेहतर प्रदर्शन किया है.

यह लॉन्‍ग टर्म के लिए बेहतर प्रदर्शन एनर्जी थीम की क्षमता को दिखाता है, जो समय के साथ निवेशकों के लिए बेहतर रिटर्न दे सकता है.

सुरेश सोनी ने कहा कि हमारा बड़ौदा बीएनपी पारिबा एनर्जी अपॉर्च्युनिटीज फंड 3 साल या उससे अधिक की होल्डिंग अवधि वाले इक्विटी निवेशकों के लिए आदर्श माना जा सकता है.

यह योजना ट्रेडिशनल एनर्जी चेन के साथ-साथ न्‍यू एनर्जी ट्रांजिशन में निवेश के अवसरों पर फोकस करेगी. भारतीय एनर्जी डिमांड एक सेकुलर स्‍टोरी है, जो भारत के मिडिल क्‍लास के आकार को दोगुना करने, हायर इनकम से प्रेरित जीवनशैली में बदलाव और एनर्जी ट्रांजिशन से प्रेरित होगी.

इसके अलावा, सरकार का फोकस भारत की एनर्जी सिक्योरिटी को बेहतर बनाने पर है, जिसके तहत 2030 तक नेचुरल गैस की हिस्सेदारी को दोगुना से भी अधिक बढ़ाकर एनर्जी मिक्स में 15 फीसदी किया जाएगा और हमारी कोल सिक्‍योरिटी को बढ़ावा दिया जाएगा.

इसके साथ ही, सरकार की योजना वित्त वर्ष 24-28 के बीच सालाना 50 गीगावाट रिन्‍यूएबल एनर्जी कैपेसिटी के लिए बोलियां आमंत्रित करने की है, जिससे भारत की सोलर पावर क्षमता 2031-32 तक 4 गुना और विंड पावर 2.5 गुना बढ़ जाएगी. संजय चावला का कहना है कि इन संरचनात्मक बदलावों का उद्देश्य निवेशकों के लिए बेहतर निवेश के अवसरों को खोलना है.

बड़ौदा बीएनपी परिबास एनर्जी अपॉर्च्युनिटीज फंड की बात करें तो यह फंड हाउस के ब्रांड वादे ‘टूगेदर फॉर मोर’ (‘एक साथ मिलकर और अधिक’) के अनुरूप एक और पेशकश है, जिसे बाजारों की ताकत को एक साथ लाकर निवेशकों की दौलत में इजाफा करने के लिए डिजाइन किया गया है.

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