अपनी छोटी बेटी के साथ काम करने वाली एक स्विगी डिलीवरी पार्टनर की प्रेरणादायक कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। गुरुग्राम के सीईओ मयंक अग्रवाल ने लिंक्डइन पर यह मार्मिक कहानी साझा की। इस पोस्ट ने लोगों का दिल जीत लिया। मयंक ने बताया कि उन्होंने स्विगी डिलीवरी पार्टनर को दूसरी मंजिल पर आने को कहा। लेकिन कॉल खत्म होने से पहले ही उसने एक बच्चे की आवाज सुनी। मयंक ने डिलीवरी पार्टनर से कहा कि वह खुद नीचे आ जाएगा। जब वह गेट पर पहुंचे तो उन्होंने डिलीवरी पार्टनर की बाइक पर दो साल की बच्ची को बैठे देखा।
सीईओ ने बच्चे की आवाज सुनी
मयंक ने डिलीवरी पार्टनर से पूछा, “यह बच्चा आपके साथ क्यों है?” डिलीवरी पार्टनर पंकज ने जवाब दिया, “घर पर कोई नहीं है। उसका बड़ा भाई शाम की क्लास में है और वह मेरी देखभाल कर रहा है। उसका नाम टुन टुन है।” पंकज ने यह भी बताया कि बच्चे के जन्म के समय टुनटुन की मां की मृत्यु हो गई थी। पंकज अपनी बेटी को हर दिन डिलीवरी के काम के लिए अपने साथ ले जाता है क्योंकि उसके पास कोई और विकल्प नहीं है। उनके पास न तो बच्चों की देखभाल की सुविधा है और न ही कोई सहायता।
मयंक ने लिखा कि कुछ ग्राहकों ने पंकज से कहा, “अगर आप बच्चे को संभाल नहीं सकते तो घर पर ही रहें। यह आपकी समस्या है।” मयंक ने सवाल उठाया, “हमारा समाज कहां जा रहा है?” लेकिन पंकज ने कोई शिकायत नहीं की, उसके चेहरे पर बस एक शांत मुस्कान थी। मयंक ने लिखा, “यह पल मुझे याद दिलाता है कि हम चीजों को हल्के में लेते हैं। पंकज और टुन टुन का साहस हमें प्रेरित करता है।” उन्होंने लोगों से पंकज की आर्थिक मदद करने की अपील की। मयंक का यह भी कहना है कि पंकज मजबूरी में अपनी बेटी को अपने साथ ले जाता है, इसलिए उसकी आलोचना न करें। उन्होंने उम्मीद जताई कि स्विगी की टीम इस कहानी को देखने के बाद पंकज की मदद करेगी।
मयंक ने लिखा कि कुछ ग्राहकों ने पंकज से कहा, “अगर आप बच्चे को संभाल नहीं सकते तो घर पर ही रहें। यह आपकी समस्या है।” मयंक ने सवाल उठाया, “हमारा समाज कहां जा रहा है?” लेकिन पंकज ने कोई शिकायत नहीं की, उसके चेहरे पर बस एक शांत मुस्कान थी। मयंक ने लिखा, “यह पल मुझे याद दिलाता है कि हम चीजों को हल्के में लेते हैं। पंकज और टुन टुन का साहस हमें प्रेरित करता है।” उन्होंने लोगों से पंकज की आर्थिक मदद करने की अपील की। मयंक का यह भी कहना है कि पंकज मजबूरी में अपनी बेटी को अपने साथ ले जाता है, इसलिए उसकी आलोचना न करें। उन्होंने उम्मीद जताई कि स्विगी की टीम इस कहानी को देखने के बाद पंकज की मदद करेगी।