भारत में सोना खरीदना निवेश का एक अच्छा तरीका माना जाता है। सदियों से लोग अपनी बचत सोना खरीदने में लगाते रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से सोने की खरीदारी में गिरावट देखी जा रही थी, लेकिन एक बार फिर सोने की खरीदारी में तेजी आई है। यह उछाल ऐसे समय में देखा जा रहा है जब सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। पिछले 7 दिनों में सोने की कीमतों में हुई बढ़ोतरी ने अपने ही रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सवाल यह उठता है कि सोना इतना महंगा क्यों हो रहा है? इसके अलावा, मुद्रास्फीति में इसकी मांग क्यों बढ़ रही है?
अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव
डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा टैरिफ की घोषणा के बाद से सोने की कीमत में बदलाव आया है। दरअसल, 2 अप्रैल को अमेरिका ने टैरिफ की घोषणा की थी, जिसके बाद 8 अप्रैल को सोने की कीमतें 93,750 रुपये प्रति 10 ग्राम से भारी गिरावट के साथ 90,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गईं। इसके बाद जब टैरिफ को टाला गया तो सोने की कीमतों में फिर उछाल देखने को मिला। 8 अप्रैल के बाद से सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है। 17 अप्रैल को सोने का भाव 7,100 रुपए बढ़कर 97,700 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया।
इसके साथ ही सोने ने महज 5 दिनों में अपने सारे पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस बीच, जिन लोगों ने 8 अप्रैल को 90,600 रुपये के भाव पर सोना खरीदा था, उन्हें 7 दिनों में 7.84 फीसदी का मुनाफा हुआ है। भारत में 24 कैरेट (प्रति 10 ग्राम) सोने की कीमत 98 हजार को पार कर गई है।
अक्षय तृतीया के कारण बढ़ी मांग
लगातार मुद्रास्फीति के बावजूद सोने की मांग बढ़ रही है। धनतेरस के बाद जिस त्यौहार पर सबसे अधिक आभूषण खरीदे जाते हैं वह है अक्षय तृतीया। देश में 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी, जिससे पहले लोग सोना खरीद रहे हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दो सप्ताह में सोने की कीमत में एक बार फिर उछाल देखने को मिल सकता है। इसके अलावा मई और जून में शादियां होती हैं, जिसके कारण भी सोने की खरीदारी बढ़ जाती है। जिस तरह से सोने की कीमतें बढ़ रही हैं, उसे देखते हुए निवेशक सोना खरीद रहे हैं।