Home खेल आखिर शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा पर क्यों आगबबूला हुए Yuvraj Singh ?...

आखिर शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा पर क्यों आगबबूला हुए Yuvraj Singh ? बोले – ‘दोनों को जूते से…’

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही पाँच मैचों की टी20 सीरीज़ इस समय बेहद रोमांचक मोड़ पर है। सीरीज़ 1-1 से बराबरी पर है, लेकिन दो भारतीय खिलाड़ी, शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा, मैदान से ज़्यादा सोशल मीडिया पर सुर्खियाँ बटोर रहे हैं। वजह है गोल्ड कोस्ट बीच पर बिना शर्ट के मस्ती करते हुए उनकी एक तस्वीर। जैसे ही यह तस्वीर वायरल हुई, उनके मेंटर और पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह का रिएक्शन सबसे ज़्यादा चर्चा में आ गया।

युवराज ने कहा, “मैं दोनों को जूतों से मारूँगा!”

अभिषेक शर्मा ने इंस्टाग्राम पर अपने दोस्त शुभमन गिल के साथ बीच पर मस्ती करते हुए कुछ तस्वीरें शेयर कीं। कई फैन्स ने इस पोस्ट पर खूब प्यार बरसाया, लेकिन युवराज सिंह के कमेंट ने सबका ध्यान खींचा। उन्होंने पंजाबी में लिखा, “जूती लावां दोना दे,” जिसका मतलब है “मैं दोनों को जूतों से मारूँगा!” हालाँकि उन्होंने यह बात मज़ाक में कही, लेकिन उनके लहज़े से साफ़ ज़ाहिर था कि वे अपने दोनों शिष्यों के बीच की मस्ती से खुश तो थे ही, साथ ही एक कोच की तरह बीच में टोकना भी नहीं भूले।

गिल और अभिषेक, दोनों ही युवराज के शिष्य हैं

शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा बचपन से दोस्त हैं। उन्होंने पंजाब की जूनियर टीमों में साथ-साथ अपना क्रिकेट करियर शुरू किया और अब टीम इंडिया तक पहुँच चुके हैं। इसके अलावा, युवराज सिंह के मार्गदर्शन में उनका क्रिकेट सफ़र परवान चढ़ा। युवराज खुद कई बार कह चुके हैं कि गिल और अभिषेक उनके छोटे भाई जैसे लगते हैं।

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अभिषेक शानदार फॉर्म में

अभिषेक शर्मा ने सीरीज़ के शुरुआती मैचों में आक्रामक बल्लेबाज़ी करते हुए अर्धशतक जड़ा, जिससे साफ़ हो गया कि वह टीम इंडिया के लिए लंबे समय तक टिके रहेंगे। शुभमन गिल का बल्ला अब तक खामोश रहा है, लेकिन सभी को उम्मीद है कि वह अगले दो मैचों में बड़ी पारी खेलकर वापसी करेंगे।

युवराज को दोनों से उम्मीदें हैं

युवराज सिंह अपने शिष्यों से उम्मीद करेंगे कि वे बीच के खेल को खत्म करके मैदान पर अपना दमखम दिखाएँ। अगर भारत को सीरीज़ जीतनी है, तो दोनों बल्लेबाजों का प्रदर्शन बेहद अहम होगा। जिस तरह युवराज कभी भारत के लिए मैच जिताते थे, उसी तरह अब इन दोनों से भी उम्मीदें हैं, बस फर्क इतना है।

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