घर की रसोई से लेकर बच्चों की देखभाल, बजट की प्लानिंग से लेकर घर की जरूरतों को पूरा करने तक—एक गृहणी की भूमिका परिवार की रीढ़ जैसी होती है। लेकिन बदलते समय के साथ अब महिलाएं केवल घर संभालने तक सीमित नहीं रहना चाहतीं। वे आत्मनिर्भर बनकर अपने पति की कमाई में हाथ बंटाना चाहती हैं, ताकि वे भी परिवार की आर्थिक तरक्की में समान रूप से भागीदार बन सकें।यह सपना अब कोई असंभव नहीं है। तकनीक की मदद और थोड़े से हुनर के साथ घर बैठकर भी महिलाएं अपने आत्मनिर्भरता के सपने को साकार कर सकती हैं। कई ऐसे छोटे-छोटे काम हैं जिनसे एक गृहणी न केवल आत्मविश्वास हासिल कर सकती है, बल्कि प्रतिमाह कुछ हज़ार से लेकर लाखों तक की आमदनी भी कर सकती है।
1. घरेलू कौशल को बनाएं कमाई का जरिया
अधिकांश महिलाएं खाना बनाना, सिलाई-बुनाई, कढ़ाई या पेंटिंग जैसे पारंपरिक कौशलों में दक्ष होती हैं। इन्हीं कौशलों को अगर सही दिशा और प्लेटफॉर्म मिले, तो ये घर बैठे आमदनी का स्रोत बन सकते हैं।जैसे—किसी को पकवान बनाने का शौक है तो वह घर पर ही टिफिन सेवा शुरू कर सकती है। आज ऑफिस जाने वाले, छात्र या कामकाजी लोग घरेलू खाने के लिए ऑनलाइन ऑर्डर देना पसंद करते हैं। इसी तरह महिलाएं अपने द्वारा बनाए गए अचार, पापड़, मसाले आदि बेचकर भी अच्छी खासी कमाई कर सकती हैं।
2. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़ें
डिजिटल युग में इंटरनेट महिलाओं का बड़ा हथियार बन सकता है। अगर कोई महिला कढ़ाई, पेंटिंग, क्राफ्ट या सिलाई जैसे काम में माहिर है, तो वह अपने प्रोडक्ट्स को Instagram, Facebook Marketplace या Meesho, Etsy, Amazon जैसे प्लेटफॉर्म पर आसानी से बेच सकती है।इसके लिए ना तो दुकान खोलने की ज़रूरत है और ना ही भारी निवेश की। सिर्फ मोबाइल और इंटरनेट कनेक्शन के जरिये वे अपने ग्राहकों तक पहुंच सकती हैं। इससे वे स्वतंत्र रूप से अपना व्यवसाय चला सकती हैं और पति की आय में एक मज़बूत सहारा बन सकती हैं।
3. ऑनलाइन पढ़ाना – ज्ञान को कमाई में बदलें
अगर कोई गृहणी पढ़ाई में अच्छी है, तो वह ट्यूटर बनकर ऑनलाइन क्लासेज़ शुरू कर सकती है। कोरोना काल के बाद से ऑनलाइन शिक्षा का चलन तेजी से बढ़ा है। अब कई ऐप्स और वेबसाइट्स जैसे Vedantu, Byju’s, Unacademy, UrbanPro आदि के जरिए आप शिक्षक के रूप में पंजीकरण कर सकती हैं।यह काम आप अपनी सुविधा के अनुसार घर बैठे, बच्चों की पढ़ाई और घरेलू कार्यों के बीच कर सकती हैं, जिससे ना केवल आत्मनिर्भरता आएगी बल्कि सम्मानजनक कमाई भी होगी।
4. यूट्यूब और ब्लॉगिंग से बढ़ाएं आमदनी
यदि किसी महिला को बोलने, लिखने या जानकारी साझा करने का शौक है तो वह यूट्यूब चैनल शुरू कर सकती है। अपने रेसिपी, ब्यूटी टिप्स, गृह सज्जा, बच्चों की परवरिश, पूजा-पाठ या जीवनशैली से जुड़ी जानकारी साझा करके भी महिलाएं एक नई पहचान बना सकती हैं।साथ ही ब्लॉगिंग के जरिए लिखकर भी महिलाएं वेबसाइटों या गूगल ऐडसेंस से आमदनी कर सकती हैं। यह तरीका धीमा जरूर है, लेकिन लंबे समय में स्थायी और सम्मानजनक कमाई देता है।
5. कुटीर उद्योग से जुड़कर बनें महिला उद्यमी
ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं जो महिलाओं को कुटीर उद्योग से जोड़ती हैं। जैसे अगरबत्ती बनाना, मोमबत्ती बनाना, साबुन बनाना, हैंडमेड उत्पाद तैयार करना आदि। इसके लिए स्वयं सहायता समूह (Self Help Group – SHG) से जुड़कर महिलाएं कच्चे माल की व्यवस्था, प्रशिक्षण और विपणन की सुविधा भी पा सकती हैं।प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, महिला उद्यमिता योजना जैसी सरकारी योजनाओं के जरिए बिना गारंटी के लोन भी मिल सकता है। इससे महिलाओं को आर्थिक मदद मिलती है और वे पति की कमाई पर निर्भर रहने के बजाय खुद कमाने वाली बनती हैं।
6. फ्रीलांसिंग और वर्क फ्रॉम होम जॉब्स
आजकल कई वेबसाइट्स जैसे Fiverr, Upwork, Freelancer, WorkIndia आदि पर महिलाओं के लिए घर बैठे जॉब्स उपलब्ध हैं—जैसे कंटेंट राइटिंग, डाटा एंट्री, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, वर्चुअल असिस्टेंट आदि। अगर किसी गृहणी को बेसिक कंप्यूटर ज्ञान और अंग्रेज़ी की समझ है तो यह एक बेहतरीन विकल्प है।इन जॉब्स में समय की लचीलापन होता है और घर के अन्य कामों के साथ निभाया जा सकता है।
पति की कमाई में भागीदारी – रिश्ते में आत्मसम्मान का भाव
जब एक महिला खुद कमाती है और पति की आय में भागीदार बनती है, तो परिवार में उसका आत्मविश्वास और सम्मान दोनों बढ़ते हैं। घर की आमदनी बढ़ती है, बच्चे बेहतर शिक्षा पाते हैं और भविष्य के लिए बचत करना आसान हो जाता है।सिर्फ पैसों की बात नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भरता से एक महिला को अपनी पहचान और निर्णय लेने की शक्ति मिलती है। जब पत्नी भी आर्थिक रूप से पति का साथ देती है, तो रिश्ते में सहयोग, समझदारी और मजबूती आती है।