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आपकी संगत ही तय करती है आपका आत्मविश्वास, 3 मिनट के इस वीडियो में पहचानिए किन लोगों से जुड़ें और किनसे बनाएं दूरी

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मनुष्य के व्यक्तित्व और आत्मविश्वास पर उसकी संगति का गहरा प्रभाव पड़ता है। यह एक पुरानी कहावत है कि “जैसी संगत वैसी रंगत”, और यह आज के आधुनिक जीवन में भी पूरी तरह लागू होती है। आत्मविश्वास कोई स्थायी गुण नहीं है, बल्कि यह समय, परिस्थिति और सबसे ज्यादा हमारी संगत यानी हमारी संगति और संपर्क में आने वाले लोगों पर निर्भर करता है। अगर आप लगातार नकारात्मक सोच वाले लोगों के साथ रहते हैं, तो चाहे आप कितने भी सक्षम क्यों न हों, धीरे-धीरे आपका आत्मबल डगमगाने लगेगा। इसके विपरीत, अगर आप सकारात्मक, प्रेरणादायक और उद्देश्यपूर्ण सोच रखने वालों के बीच रहते हैं, तो आत्मविश्वास स्वयं ही बढ़ता चला जाता है।

संगत क्या है और क्यों है यह इतनी महत्वपूर्ण?
संगत का मतलब सिर्फ दोस्त या परिवार के सदस्यों तक सीमित नहीं है। यह आपके रोज़ाना जिन लोगों से बातचीत होती है, जिनसे आप सलाह लेते हैं, जिनके साथ आप काम करते हैं – उन सभी का मिला-जुला प्रभाव आपके सोचने और प्रतिक्रिया देने के तरीके पर पड़ता है। संगत हमारे विचारों को दिशा देती है, हमारी भाषा और व्यवहार को आकार देती है और अंततः हमारे आत्मविश्वास की नींव तैयार करती है।

नकारात्मक संगत कैसे गिरा देती है आत्मविश्वास?
नकारात्मक संगत यानी ऐसे लोग जो हमेशा आलोचना करते हैं, आपके निर्णयों को नीचा दिखाते हैं, हर बात में कमियाँ निकालते हैं और असफलता की आशंका को ही आगे रखते हैं। ऐसे लोगों के साथ ज्यादा समय बिताने से आप भी धीरे-धीरे अपने ही निर्णयों पर शक करने लगते हैं, और यहीं से आत्मविश्वास का क्षरण शुरू हो जाता है।ऐसे लोग आपको बार-बार यह एहसास दिलाते हैं कि “तुम ये नहीं कर सकते”, “इसमें बहुत रिस्क है”, “तुम्हारे बस की बात नहीं है।”वे आपकी तुलना दूसरों से करते हैं जिससे आप खुद को छोटा समझने लगते हैं।उनकी सोच सीमित होती है और वो चाहते हैं कि आप भी उनकी सोच की सीमा में बंधे रहें।

सकारात्मक संगत कैसे बढ़ाती है आत्मबल?
अब बात करें उन लोगों की जो हर परिस्थिति में आशा की किरण देखना जानते हैं। ऐसे लोग जब आपकी संगति में होते हैं, तो न सिर्फ आपके आत्मबल को संबल मिलता है बल्कि आप खुद को अपने से बड़े लक्ष्यों के लिए तैयार करने लगते हैं।ये लोग आपको प्रोत्साहित करते हैं, आपकी खूबियों को पहचानते हैं और उन्हें निखारने में मदद करते हैं।जब आप असफल होते हैं, तो वे आपकी कमियों पर हंसने के बजाय आपको समझाते हैं कि अगली बार कैसे बेहतर करना है।ऐसे लोग हमेशा समाधान की ओर ध्यान देते हैं, समस्याओं पर नहीं।

संगत का असर सिर्फ सोच पर नहीं, जीवन की दिशा पर भी
आत्मविश्वास सिर्फ सोच का विषय नहीं है, यह आपके पूरे जीवन की दिशा तय करता है। अगर आपकी संगति आपको कमजोर बनाती है, तो आप जीवन में बड़े फैसले लेने से डरने लगते हैं। आप अवसरों को खोते हैं और खुद को सीमित रखते हैं। वहीं, एक मजबूत संगति आपको निर्णय लेने, नई चुनौतियों को स्वीकारने और आत्मनिर्भर बनने में सहयोग करती है।एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग प्रेरणादायक, सकारात्मक और उद्देश्यपूर्ण सोच रखने वालों के बीच रहते हैं, वे न केवल जीवन में ज्यादा सफल होते हैं बल्कि मानसिक रूप से भी अधिक स्वस्थ रहते हैं। यह आत्मविश्वास की शक्ति ही है जो उन्हें हर मुश्किल घड़ी में संबल देती है।

आप कैसी संगत चुनें?
जिनसे बात करके प्रेरणा मिले – ऐसे लोग जो अपने अनुभवों से आपको सिखाते हैं।
जो आपकी बातों को सुनें और समर्थन दें – आलोचना जरूरी है, लेकिन सिर्फ आलोचना नहीं।
जो हर परिस्थिति में समाधान ढूंढ़ते हैं – समस्याओं पर अटकने वाले नहीं।
जो खुद भी कुछ बेहतर करना चाहते हैं – क्योंकि उनकी ऊर्जा आपके आत्मबल को भी प्रभावित करेगी।

अगर संगत गलत हो चुकी है तो क्या करें?
अगर आपको लगता है कि आपकी संगत नकारात्मक हो चुकी है, तो सबसे पहले अपने संपर्कों की समीक्षा करें। धीरे-धीरे ऐसे लोगों से दूरी बनाएं जिनसे मिलने के बाद आप खुद को थका हुआ या निराश महसूस करते हैं। किताबें पढ़ें, पॉजिटिव सोच वाले ग्रुप्स का हिस्सा बनें, प्रेरक वीडियो और पॉडकास्ट सुनें। नई संगत बनाना कठिन हो सकता है, लेकिन यह आपकी आत्मा और मन के लिए बहुत जरूरी है।

आत्मविश्वास कोई एक दिन में विकसित होने वाली शक्ति नहीं है, यह संगत, सोच और कार्यों का समुच्चय है। अगर आप सच में अपने जीवन को सफल और संतुलित बनाना चाहते हैं, तो अपनी संगति की जांच करें। संगति बदलने से सोच बदलती है, और सोच बदलने से आपका पूरा जीवन बदल सकता है।

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