Home व्यापार आरबीआई की रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट कटौती का भारतीय बाजार...

आरबीआई की रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट कटौती का भारतीय बाजार ने किया स्वागत, सेंसेक्स 500 अंक उछला

3
0

मुंबई, 6 जून (आईएएनएस)। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बड़ी कटौती कर इसे 6 प्रतिशत से 5.5 प्रतिशत कर दिया है। इसी के साथ नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 100 आधार अंकों की कटौती के बाद इसे 4 प्रतिशत से 3 प्रतिशत करने की घोषणा की गई है। आरबीआई के इस फैसले के तुरंत बाद भारतीय बेंचमार्क सूचकांक में उछाल आया।

सुबह करीब 10.46 बजे सेंसेक्स 505.7 अंक या 0.62 प्रतिशत बढ़कर 81,947.74 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 168.40 अंक या 0.68 प्रतिशत बढ़कर 24,919.30 पर था।

निफ्टी बैंक 682.95 अंक या 1.22 प्रतिशत बढ़कर 56,443.80 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 363.20 अंक या 0.62 प्रतिशत की बढ़त के साथ 58,666.20 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 48.25 अंक या 0.26 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,480.85 पर था।

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, कोटक महिंद्रा बैंक और इंडसइंड बैंक टॉप गेनर्स रहे। वहीं, सन फार्मा, इंफोसिस, नेस्ले इंडिया और एचसीएल टेक टॉप लूजर्स रहे।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी.के. विजयकुमार ने कहा, “मौद्रिक रुख में अकोमोडेटिव से न्यूट्रल बदलाव यह भी दर्शाता है कि जब तक स्थिति की मांग न हो, दरों में अतिरिक्त कटौती की संभावना नहीं है। उम्मीद है कि इस दर कटौती से ऋण वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, जो मार्जिन में गिरावट की भरपाई करेगी।”

एमके ग्लोबल की मुख्य अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आरबीआई ने सभी नीतिगत कार्रवाइयों को पहले ही लागू कर दिया है, चाहे वह अपेक्षा से अधिक दरों में कटौती हो या कम सीआरआर के माध्यम से ड्यूरेबल लिक्विडिटी प्रदान करना हो।

अरोड़ा ने कहा, “अब इन सबका मतलब है कि आसान वित्तीय स्थितियों को तेजी से आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी बैंकों के हाथ में है।”

इससे पहले, आरबीआई एमपीसी के प्रमुख निर्णय से पहले घरेलू बेंचमार्क सूचकांक सपाट खुले थे। शुरुआती कारोबार में आईटी और पीएसयू बैंक सेक्टर में खरीदारी देखी गई थी।

इंडिया वीआईएक्स 4.21 प्रतिशत गिरकर 15.08 पर आ गया, जो दर्शाता है कि बाजार निकट भविष्य में कम अस्थिरता की उम्मीद कर रहा है।

संस्थागत गतिविधियों के संदर्भ में, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुद्ध विक्रेता थे, जिन्होंने 5 जून को 208.47 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) 2,382.40 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीद के साथ मजबूत खरीदार बने रहे, जिससे बाजार को सपोर्ट मिला।

–आईएएनएस

एसकेटी/एएस

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here