गर्मियों का मौसम आते ही ज्यादातर घरों में लोग रात को एसी में सोना पसंद करते हैं। कुछ लोग आराम और सुकून भरी नींद के लिए पूरी रात एसी में सोते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी वजह से आपका शरीर बीमारियों का घर बन सकता है। पूरी रात एसी के नीचे सोने से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे नाक बंद होना, शुष्क त्वचा और आंखें तथा अन्य बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है। आइये जानते हैं इस बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
जगदंबा बेबी केयर करनाल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. मोहन का कहना है कि जब भी एसी चलाएं तो उसका तापमान 24 डिग्री ही रखें। पार्सल को खिड़कियां और दरवाजे खुले रखें ताकि हवा आती रहे। इससे एसी के दुष्प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। वह बताते हैं कि एसी की कूलिंग जितनी कम होगी, उसका नुकसान उतना ही बढ़ सकता है। आपके शरीर को एक निश्चित तापमान की आवश्यकता होती है और यदि शरीर का तापमान ठीक से संतुलित नहीं है तो इससे एक या एक से अधिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, खासकर तब जब आप पूरी रात एसी चलाकर सोते हैं।
नींद में खलल
बहुत कम तापमान पर एसी चलाकर सोने से नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है। ठंडी हवा से कंपकंपी और बेचैनी हो सकती है, जिससे रात में नींद पूरी नहीं हो पाती। एसी और पंखे धूल और एलर्जी फैलाते हैं, जो नींद को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, एसी बंद करने से अच्छी नींद का माहौल बनाने में मदद मिलती है, जिससे एलर्जी का खतरा कम हो जाता है।
शरीर में दर्द
एसी के अत्यधिक उपयोग से मांसपेशियों में तनाव और अकड़न हो सकती है, जिससे मौजूदा जोड़ों या मांसपेशियों का दर्द बढ़ सकता है। ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त लोगों को रात में एसी बंद कर देना चाहिए या ऐसा पंखा चुनना चाहिए जो असुविधा को कम करने में मदद कर सके।
बीमारियों का खतरा
पूरी रात एसी चालू रखने से बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। सुबह 4 से 6 बजे के बीच शरीर का तापमान स्वाभाविक रूप से गिर जाता है, तथा ठंडी हवा के संपर्क में लंबे समय तक रहने से त्वचा में सूखापन और खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है। इसके अलावा सोते समय सर्दी-खांसी का खतरा भी बढ़ जाता है।
सुबह की थकान
एसी चालू करके सोने से ताजी हवा नहीं मिलती, जिससे जागने पर थकान हो सकती है। ऊर्जा के स्तर के लिए उचित वायु-संचार आवश्यक है और इसके बिना, लोग सुबह में सुस्त या थका हुआ महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा, ठंडी हवा पाचन तंत्र को भी प्रभावित करती है, हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकती है। इसके अलावा, निर्जलीकरण का खतरा भी बढ़ सकता है, जिससे मुंह और गला सूख सकता है।
सांस लेने में दिक्क्त
यदि एसी को ठीक से साफ नहीं किया जाता है तो उसमें धूल, फंगस या बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं। ऐसे में अगर आप इसे पूरी रात चलाकर सोते हैं तो इसकी वजह से आपको सांस लेने में दिक्कत, नाक बंद होना, एलर्जी या अस्थमा जैसी बीमारी हो सकती है। इसके लिए आपको रातभर एसी में सोने से बचना चाहिए और नियमित रूप से एसी की सर्विसिंग और फिल्टर की सफाई करनी चाहिए।