भारत और इंग्लैंड की महिला क्रिकेट टीमों के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज़ का पहला मैच साउथेम्प्टन में खेला गया, जिसमें मेहमान टीम ने 4 विकेट से जीत दर्ज की। हालाँकि, भारतीय महिला टीम की क्रिकेटर प्रतीक रावल इस मैच में अपनी हरकतों के लिए चर्चा में हैं। प्रतीक रावल को इंग्लैंड के खिलाफ पहले महिला वनडे मैच में आईसीसी आचार संहिता के लेवल-1 का दोषी पाया गया।
भारतीय महिला टीम की सलामी बल्लेबाज प्रतीक रावल को आईसीसी ने दो अलग-अलग मामलों में दोषी पाया और सजा सुनाई। दरअसल, प्रतीक रावल ने 18वें ओवर में रन लेते समय इंग्लैंड की गेंदबाज लॉरेन फाइलर के साथ शारीरिक संपर्क किया। इसके बाद, दूसरे ही ओवर में आउट होने के बाद पवेलियन लौटते समय उन्होंने इंग्लैंड की दूसरी गेंदबाज सोफी एक्लेस्टोन के साथ शारीरिक संपर्क किया। इसके लिए आईसीसी ने उन्हें आचार संहिता के लेवल-1 का दोषी पाया और उन पर मैच फीस का 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया और उनके अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमेरिट अंक जोड़ दिया। यह प्रतीक रावल का 24 महीनों में पहला अपराध था।
इंग्लैंड पर धीमी ओवर गति के लिए जुर्माना
ICC ने भारत के खिलाफ पहले महिला एकदिवसीय मैच में धीमी ओवर गति के लिए इंग्लैंड पर मैच फीस का 5 प्रतिशत जुर्माना लगाया। इंग्लैंड को निर्धारित समय में एक ओवर देरी से फेंकने का दोषी पाया गया। ICC की आचार संहिता 2.22, जो धीमी ओवर गति से संबंधित है, के तहत खिलाड़ियों पर निर्धारित समय से कम फेंके गए प्रत्येक ओवर के लिए मैच फीस का 5 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता है।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सलामी बल्लेबाज प्रतीक रावल और इंग्लैंड की कप्तान नैट साइवर ब्रंट ने ICC द्वारा लगाए गए अपराधों को स्वीकार कर लिया है, इसलिए औपचारिक सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी।