क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारत और इंग्लैंड के बीच बहुप्रतीक्षित 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज 20 जून से लीड्स में होने जा रहा है। क्रिकेट एक्सपर्ट्स और इंग्लिश मीडिया भले ही इस सीरीज में इंग्लैंड को फेवरेट बता रहे हों, लेकिन आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। जी हां, अगर हालिया प्रदर्शन और ट्रेंड को देखें तो साफ होता है कि इंग्लैंड अपने ही घर में खतरे में है और टीम इंडिया का पलड़ा भारी पड़ता दिख रहा है।
इंग्लैंड में भारत का बदला हुआ मिजाज
जहां कभी इंग्लैंड का घरेलू मैदान भारतीय टीम के लिए “आग की भट्टी” माना जाता था, वहीं पिछले कुछ वर्षों में तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। खासकर 2018 और 2021 के दौरे पर भारतीय टीम ने इंग्लैंड में अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को बार-बार दबाव में डाला है।
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2018 सीरीज में भले ही भारत 1-4 से हार गया था, लेकिन हर टेस्ट मुकाबला कड़ा था और भारत ने कई व्यक्तिगत चमकदार प्रदर्शन दिए।
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2021-22 सीरीज में भारत ने लॉर्ड्स और ओवल में जीत दर्ज की, और मैनचेस्टर टेस्ट रद्द न होता तो भारत सीरीज जीत सकता था।
पिछले 5 टेस्ट मुकाबलों में भारत का दबदबा
पिछले 5 टेस्ट मुकाबलों में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 3 मैच जीते हैं, जबकि इंग्लैंड के हिस्से सिर्फ 1 जीत आई है और एक मैच ड्रॉ रहा है। इनमें से दो जीत इंग्लैंड की धरती पर हुई हैं — यह दर्शाता है कि भारतीय टीम अब अंग्रेजों के घर में भी पूरी तरह से टिक चुकी है।
इंग्लिश गेंदबाजों की धार कुंद
इंग्लैंड के प्रमुख तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन अब 42 वर्ष के हो चुके हैं, और उनकी गति और निरंतरता पर अब सवाल उठ रहे हैं। वहीं स्टुअर्ट ब्रॉड के संन्यास के बाद इंग्लैंड के पास वैसा अनुभव वाला आक्रमण नहीं बचा है।
इसके विपरीत, भारतीय गेंदबाजी आक्रमण बुमराह, सिराज, अर्शदीप और रविंद्र जडेजा जैसे संतुलित और घातक खिलाड़ियों से लैस है। यह अटैक न केवल पिच का फायदा उठाना जानता है, बल्कि लंबे स्पैल में भी लगातार दबाव बना सकता है।
बल्लेबाजी में भी भारत नहीं है पीछे
जहां इंग्लैंड की बैटिंग लाइनअप ‘बाज़बॉल’ रणनीति पर निर्भर है, वहीं भारत की बल्लेबाजी तकनीक और धैर्य का संतुलन लिए हुए है। शुभमन गिल, विराट कोहली, रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल जैसे बल्लेबाज इंग्लिश गेंदबाजों को पस्त करने की क्षमता रखते हैं।