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इजराइल-ईरान टेंशन के बीच लाल निशान में खुला बाजार, सेंसेक्स में आई 1100 अंक की गिरावट, निवेशकों के 2 मिनट में ₹8 लाख करोड़ स्वाह

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वैश्विक बाजारों में गिरावट की तरह ही भारतीय शेयर बाजार भी सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र यानी शुक्रवार (13 जून) को बड़ी गिरावट के साथ खुला। इजरायल द्वारा ईरान पर सैन्य हमला किए जाने के बाद तेल समृद्ध मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया और इसका असर निवेशकों की धारणा पर साफ दिखाई दिया। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स आज 1100 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ 80,427.81 पर खुला। खुलते ही बिकवाली हावी हो गई। सुबह 9:24 बजे यह 963.48 अंकों या 1.18% की गिरावट के साथ 80,728.50 पर कारोबार कर रहा था।

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी-50 भी 25,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से सीधे नीचे खुला। सुबह 9:27 बजे यह 246.60 अंकों या 0.99% की गिरावट के साथ 24,473 पर था। निफ्टी की 50 कंपनियों में से 48 के शेयर लाल निशान में थे। आज सेंसेक्स और निफ्टी की चाल को कई कारक प्रभावित कर सकते हैं, जिनमें मई के लिए बेहतर खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े, ईरान पर इजरायल का हमला, कमजोर अमेरिकी आर्थिक संकेतक, विदेशी निवेशकों की सक्रियता और वैश्विक बाजारों से मिले-जुले संकेत शामिल हैं।

भारत की खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में 3.16% से घटकर मई में 2.82% हो गई। यह फरवरी 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है, जब खुदरा मुद्रास्फीति 2.57% थी। यह गिरावट सब्जियों की कीमतों में तेज गिरावट, दालों की कीमतों में छह साल से अधिक की सबसे बड़ी गिरावट और अनुकूल आधार प्रभाव के कारण हुई। इससे भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के लिए मौजूदा नीतिगत रुख को बनाए रखने की संभावना मजबूत होती है।

कैसे हैं वैश्विक संकेत?

शुक्रवार को एशिया-प्रशांत बाजारों में मिला-जुला रुख देखने को मिला। ईरान पर इजरायल के सैन्य हमले की खबर सामने आने के बाद निवेशकों की धारणा दबाव में आ गई। हालांकि, सकारात्मक अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों के कारण पिछले कारोबारी सत्र में वॉल स्ट्रीट में तेजी जारी रही। इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने कहा कि शुक्रवार को तड़के ईरान के खिलाफ एक प्री-एम्पटिव (पूर्व-चेतावनी) हमला किया गया। यह कार्रवाई अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद की गई, जिसमें उन्होंने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर संभावित इजरायली हमले की बात कही थी। कैट्ज ने यह भी कहा कि ईरान की ओर से मिसाइलों और ड्रोन के जरिए जवाबी हमले की आशंका है और इसी के चलते आपातकाल की घोषणा की गई है।

भू-राजनीतिक तनाव के कारण जापान का निक्केई सूचकांक 1.16 प्रतिशत गिरा, जबकि TOPICS सूचकांक 1 प्रतिशत से अधिक गिरा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.67 प्रतिशत गिरा और ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 सूचकांक 0.17 प्रतिशत फिसला। दूसरी ओर, इस सप्ताह अब तक अमेरिकी बाजारों में तेजी बनी हुई है। हालांकि, शुक्रवार को सुबह-सुबह अमेरिकी शेयर वायदा थोड़ा कमजोर नजर आया।

मई के लिए अमेरिका में उत्पादक मूल्य डेटा (पीपीआई) में केवल 0.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो अपेक्षित 0.2 प्रतिशत से कम थी। सप्ताह की शुरुआत में जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) भी नरम रहा, जिससे निवेशकों को राहत मिली। कमजोर मुद्रास्फीति के आंकड़ों ने बॉन्ड यील्ड को कम किया और इक्विटी बाजारों को समर्थन दिया। गुरुवार रात वॉल स्ट्रीट पर सभी प्रमुख सूचकांक हरे निशान में बंद हुए। एसएंडपी 500 में 0.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई। नैस्डैक कंपोजिट में 0.24 प्रतिशत और डॉव जोन्स में 0.24 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

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