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इस दिन आसमान में नजर आएंगे एक साथ 2 सूरज, जानिए क्या है कलियुग से जुड़ीं भविष्य मालिका की भविष्यवाणियों की सच्चाई

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16वीं शताब्दी में संत अच्युतानंद और कुछ अन्य संतों ने भविष्य श्रृंखला लिखी। भविष्य श्रृंखला में कलियुग के अंत से पहले कई भयावह भविष्यवाणियों का उल्लेख है, जिनके घटित होने के बाद समय की गति तेज हो जाएगी और कलियुग अपने अंत की ओर बढ़ने लगेगा। भविष्य श्रृंखला की इन भविष्यवाणियों में संत अच्युतानंद ने जगन्नाथ मंदिर से संबंधित कई भविष्यवाणियों का भी उल्लेख किया है। इनमें से एक भविष्यवाणी उल्कापिंड घटना को लेकर है जिसके अनुसार आकाश में एक ऐसी घटना घटेगी, जिसके कारण लोगों को दो सूर्य दिखाई देंगे। आइये जानते हैं भविष्य की श्रृंखला में आकाश में दो सूर्यों के उदय होने तथा अन्य घटनाओं के बारे में भविष्यवाणियां।

आसमान में चमकते नजर आएंगे 2 सूरज

भविष्य श्रृंखला में लिखी भविष्यवाणी के अनुसार कलियुग के चरमोत्कर्ष से कुछ दशक पहले आकाश में ऐसी विचित्र घटना घटेगी, जिसमें आकाश में दो सूर्य चमकते नजर आएंगे। लेकिन वास्तव में आकाश में 2 सूर्य नहीं दिखाई देंगे बल्कि यह किसी उल्कापिंड के कारण होगा। जो आसमान से धरती पर गिरते समय सूरज की तरह चमकता हुआ नजर आएगा। भविष्य की श्रृंखला में यह भी भविष्यवाणी की गई है कि यह उल्कापिंड बंगाल की खाड़ी में गिरेगा जिससे पूरा ओडिशा और आसपास के कई शहर जलमग्न हो जाएंगे।

पृथ्वी पर अंधकार छा जाएगा

भविष्य की श्रृंखला में इस पृथ्वी पर अंधकार का भी उल्लेख किया गया है। हालांकि, फ्यूचर सीरीज में यह स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया है कि पृथ्वी पर अंधेरा किस कारण से छा जाएगा, लेकिन फ्यूचर सीरीज में यह जरूर बताया गया है कि पृथ्वी पर 7 दिनों तक पूरी तरह से अंधेरा छा जाएगा। अंधेरे के कारण लोग घर में कैद रहेंगे। दिन भी रात जैसा लगेगा।

प्राकृतिक आपदाएँ शुरू होंगी

भविष्य की श्रृंखला में यह भी बताया गया है कि विश्व को ऐसी भयंकर प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ेगा कि मनुष्य की आधुनिक तकनीक भी विफल होती नजर आएगी। पृथ्वी का कुछ हिस्सा जलमग्न हो जाएगा और कुछ हिस्सा पानी की एक बूंद के लिए तरसेगा। यदि प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया तो प्रत्येक जीव का जीवन बहुत कठिन हो जाएगा।

पृथ्वी की धुरी बदल जाएगी

भविष्य की श्रृंखला में यह भी उल्लेख किया गया है कि पृथ्वी पर इतने भूकंप आएंगे कि पृथ्वी की धुरी धीरे-धीरे बदल जाएगी। इनमें से कुछ भूकंप बहुत छोटे होंगे, जबकि अन्य बहुत अधिक विनाश लाएंगे। पृथ्वी की धुरी बदलने से कई अन्य घटनाएं घटित होंगी।

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