सिंगापुर में भारतीय समुदाय का दबदबा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। यहां भारतीय न केवल उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि आर्थिक तौर पर भी काफी सफलता हासिल कर रहे हैं। सिंगापुर के गृह और विधि मंत्री के. शणमुगम ने हाल ही में एक बयान में कहा कि भारतीय समुदाय ने उल्लेखनीय प्रगति की है, और राष्ट्रीय आंकड़े इसके पक्ष में हैं। शिक्षा, आय, और रोजगार के मामलों में इस समुदाय ने अहम सुधार किए हैं, जो सिंगापुर के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान है।
भारतीयों की शिक्षा में बेहतरी
सिंगापुर की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर शणमुगम ने बताया कि 25 साल और उससे अधिक आयु के भारतीयों में से 41 फीसदी के पास 2020 तक डिग्री थी, जबकि 2000 में यह संख्या केवल 16.5 फीसदी थी। इस आंकड़े से स्पष्ट होता है कि भारतीयों ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रगति की है, और अब अधिक संख्या में युवा उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि 10 में से चार भारतीय स्नातक हैं, जो किसी भी समाज के लिए एक सराहनीय उपलब्धि है।
भारतीय समुदाय की स्थिति में सुधार
मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय समुदाय की प्रगति केवल आव्रजन के कारण नहीं है, बल्कि बड़ी संख्या में समुदाय की स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने यह बात सिंगापुर इंडियन डेवलपमेंट एसोसिएशन (सिंडा) के दानदाताओं, साझेदारों, और स्वयंसेवकों के लिए आयोजित एक समारोह में कही। सिंडा का उद्देश्य भारतीय समुदाय के लिए शिक्षा सहायता प्रदान करना और उनके सामाजिक और आर्थिक उत्थान में मदद करना है। यह संगठन भारतीयों के लिए रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में कई पहल चला रहा है, जो उनके जीवन स्तर को ऊंचा करने में मदद कर रहे हैं।
स्कूल छोड़ने वालों की संख्या में गिरावट
शणमुगम ने यह भी बताया कि भारतीय बच्चों के बीच स्कूल छोड़ने की दर में कमी आई है। 2020 में लगभग 18 फीसदी भारतीयों ने माध्यमिक शिक्षा पूरी किए बिना स्कूल छोड़ दिया, जबकि 2000 में यह आंकड़ा 38 फीसदी था। यह गिरावट एक सकारात्मक संकेत है, जो दर्शाता है कि भारतीय परिवार अब अपने बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और उनकी शिक्षा के प्रति उनका दृष्टिकोण बदल रहा है।
औसत मासिक आय में बढ़ोतरी
भारतीय समुदाय की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है। मंत्री ने बताया कि भारतीय परिवारों की औसत मासिक आय में 2010 से 2020 के बीच 40 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2010 में यह आय 6,000 सिंगापुरी डॉलर थी, जो 2020 में बढ़कर 8,500 सिंगापुरी डॉलर हो गई। यह वृद्धि दर्शाती है कि भारतीय समुदाय ने न केवल शिक्षा के मामले में बल्कि आर्थिक मामलों में भी सफलता प्राप्त की है।
निष्कर्ष
सिंगापुर में भारतीयों का दबदबा बढ़ने के कई कारण हैं, जिनमें शिक्षा के क्षेत्र में उनकी प्रगति और आर्थिक सफलता शामिल हैं। भारतीयों ने यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी समाज में अपनी मेहनत, शिक्षा, और समर्पण से सफलता प्राप्त कर सकते हैं। सिंगापुर में उनके योगदान को देख कर यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में भारतीय समुदाय का दबदबा और बढ़ेगा, और वे देश के विकास में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।