यह साल इंडियन स्टॉक मार्केट में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPOs) का साल रहा है। कई जानी-मानी कंपनियों ने पहले ही अपने IPOs लॉन्च कर दिए हैं, जिससे इन्वेस्टर्स को इन्वेस्ट करने का काफी मौका मिला है। आंकड़ों के हिसाब से, मीशो, इक्वस और विद्या वायर्स के लॉन्च के बाद IPOs की संख्या 18 सालों में सबसे ज़्यादा होगी। IPOs के ज़रिए जुटाई गई कुल कैपिटल ₹1.6 लाख करोड़ से ज़्यादा हो जाएगी, जो एक नया रिकॉर्ड बनाएगी।
पिछले साल IPO मार्केट कैसा था?
पिछले साल, 94 IPOs लॉन्च हुए, जिनसे लगभग ₹1.59 लाख करोड़ जुटाए गए। 2025 तक, 93 फर्म पहले ही अपने IPOs लॉन्च कर चुकी हैं। इसके अलावा, मीशो, इक्वस और विद्या वायर्स आने वाले दिनों में अपने IPO लॉन्च करने वाले हैं, जिससे कुल IPO की संख्या 96 हो जाएगी। यह 2007 के बाद से सबसे ज़्यादा IPO की संख्या होगी।
डेटा के ज़रिए इस साल के IPO का गणित समझें
बिज़नेस स्टैंडर्ड में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में सेकेंडरी मार्केट में काफ़ी उतार-चढ़ाव देखा गया, जिसका असर प्राइमरी मार्केट पर भी पड़ा। मार्च में एक भी IPO लॉन्च नहीं हुआ। अप्रैल में सिर्फ़ एक IPO लॉन्च हुआ। हालांकि, मई में स्थिति बेहतर हुई और जुलाई के बाद हर महीने 10 से ज़्यादा IPO मार्केट में आने लगे। सितंबर में दो दर्जन से ज़्यादा कंपनियाँ लिस्ट हुईं, जो जनवरी 1997 के बाद किसी एक महीने में सबसे ज़्यादा हैं।
मीशो का IPO 3 दिसंबर को खुलेगा
नेशनल ई-कॉमर्स कंपनी मीशो का IPO 3 दिसंबर को खुलेगा। इन्वेस्टर 5 दिसंबर तक IPO पर बोली लगा सकेंगे। एंकर इन्वेस्टर के लिए 2 दिसंबर की तारीख तय की गई है। मीशो का लक्ष्य अपने IPO के ज़रिए ₹5,421 करोड़ जुटाना है। कंपनी ने ₹105-₹111 का शेयर प्राइस बैंड तय किया है। कंपनी बाज़ार में ₹4,250 करोड़ के नए शेयर ला रही है, जबकि ₹1,171 करोड़ के शेयर ऑफ़र फ़ॉर सेल के तहत रखे गए हैं।








