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इस साल सोने ने किया कमाल, अचानक कीमतों में इतनी बड़ी गिरावट, कारण जानकर नहीं होगा यकीन

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सोमवार को सोने की कीमत में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। वैसे, सोना-चांदी खरीदारों के लिए यह राहत भरी खबर है। लेकिन सोने की कीमत अचानक इतनी क्यों गिर रही है? सोना कितना सस्ता हो सकता है? दरअसल, एक तरफ सोने की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है, वहीं दूसरी तरफ शेयर बाजार (Share Market) में सोमवार को तेजी आई। सोमवार को सेंसेक्स 2,975.43 अंक बढ़कर 82,429.90 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 916.70 अंक बढ़कर 24,924.70 पर बंद हुआ। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम और अमेरिका-चीन टैरिफ समझौते की घोषणा से बाजार की धारणा में अचानक सुधार आया है, जिससे शेयर बाजार में खरीदारी देखी गई।

लेकिन इसी बीच सोमवार को शाम 5 बजे अचानक सोने की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई। 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का भाव गिरकर 93000 रुपए के करीब पहुंच गया है। जो पिछले महीने यानी अप्रैल- 2025 में 1 लाख रुपए के पार चला गया था। आईबीजेए के मुताबिक शुक्रवार को 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का भाव 96,400 रुपए था जो अब गिरकर 93,000 रुपए के करीब आ गया है। यानी आज सोने का भाव करीब 3400 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हो गया है।

सोमवार को शाम 5:00 बजे (IST) एमसीएक्स पर जून 2025 अनुबंध के लिए सोना वायदा 4 प्रतिशत या 3,930 रुपये गिरकर 92,588 प्रति 10 ग्राम हो गया, जबकि पिछले कमोडिटी बाजार बंद होने पर यह 96,518 रुपये था। सोने की कीमतें इंट्राडे में 92,389 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गईं। वैश्विक बाजार में भी सोने की कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है। कॉमेक्स पर कच्चे तेल की कीमत 1.13% गिरकर 2,557.40 डॉलर प्रति औंस पर आ गयी, जो दो महीने का निम्नतम स्तर है।

अब सवाल यह है कि सोने की कीमत में गिरावट क्यों आई? दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने पिछले महीनों में टैरिफ को लेकर कई घोषणाएं की थीं, जिससे वैश्विक तनाव बढ़ गया था, लेकिन अब टैरिफ को लेकर अमेरिकी प्रशासन के रुख में बदलाव आया है. खासकर अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर हुए समझौते के कारण सोने की कीमत टूटी है, क्योंकि जब टैरिफ को लेकर इन दोनों देशों के बीच तनाव था, तब सोने की कीमत हर दिन नया रिकॉर्ड बना रही थी। लेकिन अब टैरिफ विवाद एक तरह से समाप्त हो गया है।

इतना ही नहीं, चीन जैसे प्रमुख उपभोक्ता देशों में छुट्टियों के कारण भी सोने की मांग में गिरावट आई है। अगर भारत की बात करें तो पाकिस्तान के साथ चल रहे विवादों को सुलझा लिया गया है, दोनों देश युद्ध विराम पर सहमत हो गए हैं। जिसके कारण सोने की कीमत में गिरावट आना तय है। शादी का मौसम चाल में भारत का मौसम चल रहा है, लेकिन हाल ही में कीमतों में गिरावट के कारण, कुछ लोग अभी खरीदारी टाल रहे हैं, जिससे मांग प्रभावित हुई है।

चीन-अमेरिका टैरिफ सुलह

आपको बता दें कि चीन और अमेरिका टैरिफ कम करने पर सहमत हो गए हैं, अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर लगाए गए टैरिफ को 145 फीसदी से घटाकर 30 फीसदी करने का फैसला किया है। साथ ही, चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर 125 प्रतिशत टैरिफ को घटाकर 10 प्रतिशत करने पर भी सहमति व्यक्त की है। इसके साथ ही दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच टैरिफ युद्ध समाप्त होता दिख रहा है। अमेरिका-चीन समझौते से पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में तेजी आई है, वैश्विक धारणा में सुधार देखा गया है, जिसके कारण सोने की कीमत में गिरावट देखी जा रही है। क्योंकि जब वैश्विक चुनौतियां थीं, उस समय सोने की कीमत लगातार बढ़ रही थी।

मजबूत अमेरिकी डॉलर अमेरिकी डॉलर सूचकांक हाल ही में 100 से ऊपर चला गया, जो तीन वर्षों का उच्चतम स्तर है। जब डॉलर मजबूत होता है तो सोने की कीमतें आमतौर पर गिर जाती हैं, क्योंकि सोने का मूल्य डॉलर में होता है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और घरेलू बाजारों में सोने में बिकवाली देखी गई, जिससे कीमतों में और गिरावट आई। विश्लेषकों का मानना ​​है कि यदि वैश्विक अनिश्चितता (जैसे मंदी, व्यापार युद्ध) नहीं बढ़ी तो सोने की कीमत 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे जा सकती है। लेकिन यह सब वैश्विक आर्थिक स्थिति पर निर्भर करेगा।

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