Home व्यापार इस हफ्ते कैसा रहेगा बाजार का मिजाज? इजरायल-ईरान तनाव समेत ये फैक्टर...

इस हफ्ते कैसा रहेगा बाजार का मिजाज? इजरायल-ईरान तनाव समेत ये फैक्टर करेंगे तय बाजार की चाल

2
0

इन दिनों पूरी दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव तेजी से बढ़ता जा रहा है। इजराइल और ईरान के बीच छिड़ी जंग अब वैश्विक शांति और अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर डाल रही है। मिसाइल और ड्रोन हमलों के बीच भारतीय शेयर बाजार भी इस दबाव से अछूता नहीं रहा। बीते शुक्रवार को भारी गिरावट के साथ बाजार बंद हुआ, और आने वाले सप्ताह (16 जून से शुरू) में कई ऐसे फैक्टर्स हैं जो बाजार में उतार-चढ़ाव ला सकते हैं।

शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट

14 जून को युद्ध की खबरों के बीच सेंसेक्स 573.38 अंकों की गिरावट के साथ 81,118.60 पर बंद हुआ। पूरे सप्ताह की बात करें तो निफ्टी 50 में 1.14% और सेंसेक्स में 1.30% की गिरावट दर्ज की गई। इसके साथ ही BSE मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी क्रमशः 0.90% और 0.13% की गिरावट रही। यह दिखाता है कि युद्ध की आशंका और वैश्विक अस्थिरता निवेशकों की चिंता बढ़ा रही है।

इजराइल-ईरान युद्ध का खतरा बढ़ा

मध्य पूर्व में तनाव लगातार बढ़ रहा है। इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य नेताओं पर हमला किया, जबकि ईरान ने जवाबी मिसाइलें दागीं। वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, अमेरिका भी इस टकराव में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हो रहा है और इजराइल की सुरक्षा में मिसाइल रोधी प्रणाली से मदद कर रहा है। इसका असर भारतीय बाजार पर भी सीधा पड़ रहा है, क्योंकि ऐसे तनाव कच्चे तेल की कीमतें, रुपये की स्थिति और निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित करते हैं।

FOMC मीटिंग और अमेरिका की ब्याज दर नीति

17-18 जून को अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक होने जा रही है, जिस पर वैश्विक निवेशकों की नजरें टिकी हैं। इस बैठक में ब्याज दरों में बदलाव की संभावना कम है, क्योंकि मई के सीपीआई आंकड़ों में महंगाई अपेक्षाकृत स्थिर रही। फिर भी फेड के बयान का असर वैश्विक बाजारों सहित भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिल सकता है।

क्रूड ऑयल की कीमतों में भारी उछाल

टेंशन के बीच ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 7% बढ़कर 74.23 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई। यह पिछले कई महीनों की सबसे तेज वृद्धि मानी जा रही है। भारत, जो अपनी तेल जरूरतों का अधिकांश हिस्सा आयात करता है, पर इसका सीधा असर पड़ेगा। तेल महंगा होने से महंगाई, व्यापार घाटा, रुपया कमजोर होने जैसे कई जोखिम पैदा हो सकते हैं, जो कंपनियों की कमाई को प्रभावित करेंगे।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली

जून 2025 में अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय बाजार में 4,812 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। इसकी वजह है – बढ़ती वैश्विक अस्थिरता, ऊंचा वैल्यूएशन और रुपये की गिरावट। यदि यह ट्रेंड जारी रहा तो बाजार में दबाव और भी बढ़ सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here