हर इंसान अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करता है। लेकिन कई बार लाख कोशिशों के बावजूद जीवन में दुःख, तनाव और आर्थिक तंगी बनी रहती है। ऐसे में हमारे ऋषि-मुनियों और धर्मग्रंथों में कुछ ऐसे सिद्ध कार्य बताए गए हैं, जिन्हें नियमित रूप से करने से व्यक्ति के जीवन में नकारात्मकता का असर कम होता है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। आइए जानते हैं वे 5 खास काम जो करने वाला व्यक्ति कभी दुखी नहीं रहता और उसके जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।
1. सवेरे उठकर ईश्वर का स्मरण करना
सुबह उठते ही भगवान का नाम लेना सबसे शुभ माना जाता है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि दिन की शुरुआत जैसी होती है, वैसा ही पूरा दिन बीतता है। जो व्यक्ति ब्रह्ममुहूर्त में उठकर कुछ क्षणों के लिए ही सही, ईश्वर का ध्यान करता है, उसके जीवन में शांति, सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक संतुलन बना रहता है। यह आदत न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी मानी जाती है क्योंकि इससे दिन भर की मानसिक स्थिरता बनी रहती है।
2. जरूरतमंदों की मदद करना
जो व्यक्ति बिना किसी दिखावे के दूसरों की मदद करता है, विशेषकर जरूरतमंदों की, उसे कभी किसी चीज की कमी नहीं होती। यह मदद केवल आर्थिक नहीं, मानसिक, भावनात्मक या सामाजिक स्तर पर भी हो सकती है। ऐसा कहा जाता है कि जो दूसरों के आंसू पोंछता है, उसका जीवन कभी सूना नहीं रहता। मदद का भाव व्यक्ति के अंदर करुणा और सहानुभूति का विकास करता है, जो अंततः उसे आत्मिक सुख प्रदान करता है।
3. घर में प्रतिदिन दीपक जलाना
हर शाम अपने घर के मंदिर या तुलसी के सामने दीपक जलाने से न केवल वातावरण शुद्ध होता है बल्कि नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव भी कम होता है। यह एक छोटा सा कार्य प्रतीत हो सकता है, लेकिन इसका असर अत्यंत व्यापक होता है। दीया जलाने से व्यक्ति के मन में सकारात्मक भाव जागते हैं और घर में लक्ष्मी का वास बना रहता है। विशेषकर तिल के तेल या घी का दीपक जलाना शुभ फलदायी माना गया है।
4. क्रोध और अहंकार पर नियंत्रण रखना
जिन लोगों के जीवन में सुख-शांति होती है, वे अक्सर शांत स्वभाव के होते हैं। क्रोध, ईर्ष्या और अहंकार ये तीन ऐसे दोष हैं जो व्यक्ति के मानसिक संतुलन को बिगाड़ते हैं और उसे दुख की ओर ले जाते हैं। जो व्यक्ति स्वयं पर नियंत्रण रखता है और हर परिस्थिति में संयम से काम लेता है, वह जीवन की कठिनाइयों से आसानी से उबर जाता है। ऐसे व्यक्ति को समाज में भी मान-सम्मान प्राप्त होता है और उसका पारिवारिक जीवन भी सुखमय रहता है।
5. दान-पुण्य करना
सनातन संस्कृति में दान को सर्वोत्तम धर्म कहा गया है। दान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। यह जरूरी नहीं कि दान हमेशा धन का ही हो; अन्न, वस्त्र, ज्ञान या समय भी दान किया जा सकता है। जो लोग नियमित रूप से दान करते हैं, उनके जीवन में संतोष और मानसिक सुख बना रहता है। साथ ही यह कर्म उन्हें समाज में आदर और प्रतिष्ठा भी दिलाता है।
हर इंसान अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करता है। लेकिन कई बार लाख कोशिशों के बावजूद जीवन में दुःख, तनाव और आर्थिक तंगी बनी रहती है। ऐसे में हमारे ऋषि-मुनियों और धर्मग्रंथों में कुछ ऐसे सिद्ध कार्य बताए गए हैं, जिन्हें नियमित रूप से करने से व्यक्ति के जीवन में नकारात्मकता का असर कम होता है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। आइए जानते हैं वे 5 खास काम जो करने वाला व्यक्ति कभी दुखी नहीं रहता और उसके जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।
1. सवेरे उठकर ईश्वर का स्मरण करना
सुबह उठते ही भगवान का नाम लेना सबसे शुभ माना जाता है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि दिन की शुरुआत जैसी होती है, वैसा ही पूरा दिन बीतता है। जो व्यक्ति ब्रह्ममुहूर्त में उठकर कुछ क्षणों के लिए ही सही, ईश्वर का ध्यान करता है, उसके जीवन में शांति, सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक संतुलन बना रहता है। यह आदत न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी मानी जाती है क्योंकि इससे दिन भर की मानसिक स्थिरता बनी रहती है।
2. जरूरतमंदों की मदद करना
जो व्यक्ति बिना किसी दिखावे के दूसरों की मदद करता है, विशेषकर जरूरतमंदों की, उसे कभी किसी चीज की कमी नहीं होती। यह मदद केवल आर्थिक नहीं, मानसिक, भावनात्मक या सामाजिक स्तर पर भी हो सकती है। ऐसा कहा जाता है कि जो दूसरों के आंसू पोंछता है, उसका जीवन कभी सूना नहीं रहता। मदद का भाव व्यक्ति के अंदर करुणा और सहानुभूति का विकास करता है, जो अंततः उसे आत्मिक सुख प्रदान करता है।
3. घर में प्रतिदिन दीपक जलाना
हर शाम अपने घर के मंदिर या तुलसी के सामने दीपक जलाने से न केवल वातावरण शुद्ध होता है बल्कि नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव भी कम होता है। यह एक छोटा सा कार्य प्रतीत हो सकता है, लेकिन इसका असर अत्यंत व्यापक होता है। दीया जलाने से व्यक्ति के मन में सकारात्मक भाव जागते हैं और घर में लक्ष्मी का वास बना रहता है। विशेषकर तिल के तेल या घी का दीपक जलाना शुभ फलदायी माना गया है।
4. क्रोध और अहंकार पर नियंत्रण रखना
जिन लोगों के जीवन में सुख-शांति होती है, वे अक्सर शांत स्वभाव के होते हैं। क्रोध, ईर्ष्या और अहंकार ये तीन ऐसे दोष हैं जो व्यक्ति के मानसिक संतुलन को बिगाड़ते हैं और उसे दुख की ओर ले जाते हैं। जो व्यक्ति स्वयं पर नियंत्रण रखता है और हर परिस्थिति में संयम से काम लेता है, वह जीवन की कठिनाइयों से आसानी से उबर जाता है। ऐसे व्यक्ति को समाज में भी मान-सम्मान प्राप्त होता है और उसका पारिवारिक जीवन भी सुखमय रहता है।
5. दान-पुण्य करना
सनातन संस्कृति में दान को सर्वोत्तम धर्म कहा गया है। दान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। यह जरूरी नहीं कि दान हमेशा धन का ही हो; अन्न, वस्त्र, ज्ञान या समय भी दान किया जा सकता है। जो लोग नियमित रूप से दान करते हैं, उनके जीवन में संतोष और मानसिक सुख बना रहता है। साथ ही यह कर्म उन्हें समाज में आदर और प्रतिष्ठा भी दिलाता है।