ट्रम्प के टैरिफ के बाद भारतीय शेयर बाजार निचले स्तर पर पहुंच गया था और अब पूरी तरह से उबर चुका है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अब भारतीय बाजार इसी वित्त वर्ष में नई ऊंचाइयों को छू सकता है। कार्नेलियन एसेट एडवाइजर्स के संस्थापक विकास खेमानी ऐसा मानते हैं। खेमानी ने यह बात द वेल्थ फॉर्मूला शो में कही। उन्होंने कहा कि टैरिफ संबंधी जोखिम और कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता जैसी वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, शेयर बाजार में घरेलू निवेश का मामला मजबूत बना हुआ है।
खेमानी ने कहा- मुझे लगता है कि बाजार बुरे दिनों से उबर चुका है। उन्होंने कहा कि संकट के समय भी मैंने कहा था कि निफ्टी का 22 हजार के स्तर से नीचे जाना मुश्किल है, क्योंकि इस स्तर से वैल्यूएशन हमारे पक्ष में आने लगते हैं और चिंताएं काफी कम हो जाती हैं।
बाजार अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच चुका है
खेमानी ने यह भी कहा कि चालू तिमाही के नतीजे सामान्य रहेंगे। यानि न तो बहुत अच्छा और न ही बहुत कमजोर। उन्होंने कहा कि कोई बड़ी उम्मीद तो नहीं है लेकिन बहुत बड़ा नुकसान भी नहीं होने वाला है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी है कि टैरिफ और इन्वेंट्री घाटे से जुड़ी अनिश्चितताओं के कारण जून तिमाही में कुछ समस्याएं हो सकती हैं।
हालाँकि, सितंबर तिमाही से आय में फिर से वृद्धि होने की उम्मीद है। खेमानी ने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ और कच्चे तेल की अस्थिर कीमतों के बावजूद भारत की स्थिति तटस्थ के बजाय थोड़ी सकारात्मक है। खेमानी ने कहा कि भारत को तभी नुकसान हो सकता है जब उसकी टैरिफ दर चीन, वियतनाम या मैक्सिको जैसे देशों से अधिक हो, जो फिलहाल संभव नहीं लगता।
खेमानी ने यह भी कहा कि बाजार की ऊंचाई पर बाजार में शामिल होने वाले खुदरा निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में 40 से 50 प्रतिशत का नुकसान देखने को मिल रहा है। जबकि सूचकांक में लगभग 20 प्रतिशत का सुधार देखा गया है।
खुदरा निवेशकों की धारणा कमजोर हुई
यही कारण है कि खुदरा निवेशकों का मनोबल कमजोर बना हुआ है। हालांकि, जो अनुभवी निवेशक हैं, वे इस मंदी को एक अवसर के रूप में देख रहे हैं और निवेश कर रहे हैं। खेमानी ने कहा कि मेरे अनुसार यह एक शानदार विंटेज होने जा रहा है। भारत की विकास कहानी दुनिया में सबसे मजबूत संपत्ति सृजन की कहानी बनी हुई है। खेमानी ने आगे कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने विकास को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती की है और संकेत दिया कि ये कटौती जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि बैंकिंग जैसे क्षेत्र इस बाजार की तेजी का नेतृत्व करेंगे और बाजार इस साल नई ऊंचाइयों को छू सकता है।