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एक साल में तीन शतक फिर भी संजू सैमसन पर नहीं टीम को भरोसा, एशिया कप से पहले खुल गया बड़ा राज

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एशिया कप 2025 के लिए शुभमन गिल की बतौर उप-कप्तान टी-20 टीम में वापसी संजू सैमसन की प्लेइंग-11 में जगह के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है। अब जबकि गिल उप-कप्तान हैं, तो प्लेइंग-11 में उनकी जगह लगभग पक्की है, गिल के लिए यह अच्छा मौका है लेकिन इसका असर टी-20 में भारतीय टीम के संयोजन पर भी पड़ेगा। गिल पहले लाल गेंद से नंबर-3 पर खेलते थे और अब नंबर-4 पर खेलते हैं लेकिन सफेद गेंद से वह सलामी बल्लेबाज हैं। यानी अगर वह प्लेइंग-11 में आते हैं, जिसकी पूरी संभावना है, तो अभिषेक शर्मा या सैमसन में से किसी एक को उनके लिए अपनी जगह छोड़नी होगी। भारत के लिए अभिषेक और सैमसन की जोड़ी पिछले 12 टी-20 से लगातार पारी की शुरुआत कर रही है। इस दौरान अभिषेक और सैमसन की ओपनिंग साझेदारी ने 22.25 की औसत से 267 रन बनाए हैं, दोनों के बीच सिर्फ़ एक बार 50+ की साझेदारी हुई है और इस जोड़ी ने 9.82 के रन रेट से आक्रामक शुरुआत दी है। इतना ही नहीं, इन 12 मैचों में भारत ने 10 बार जीत हासिल की है और इनमें से तीन में सैमसन (2) और अभिषेक (1) प्लेयर ऑफ़ द मैच रहे हैं। इस दौरान अभिषेक ने तीन शतक भी लगाए हैं। अब, इतने आँकड़ों के बावजूद, इस ओपनिंग जोड़ी को छेड़ना या तोड़ना ज़रूर हैरान करने वाला हो सकता है। लेकिन भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर की सोच कुछ अलग है, उन्होंने कहा, “जब सीनियर खिलाड़ी नहीं खेल रहे थे, तब सैमसन पारी की शुरुआत कर रहे थे।” अगरकर का यह बयान बताता है कि गिल के आने के बाद ओपनिंग जोड़ी में बदलाव लगभग तय है।

अब सवाल यह उठता है कि अगर गिल ओपनिंग करते हैं, तो उनके ओपनिंग पार्टनर सैमसन होंगे या अभिषेक। अगर टीम प्रबंधन के हालिया फैसलों और सोच को समझने की कोशिश करें, तो इसका जवाब ज़्यादा मुश्किल नहीं है। एक तो टीम प्रबंधन अब ऐसे खिलाड़ियों को तरजीह दे रहा है जो बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी का विकल्प भी दे सकें। अभिषेक इस श्रेणी में बिल्कुल फिट बैठते हैं क्योंकि वह एक उपयोगी बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज भी हैं। दूसरी बात, उनकी मौजूदा फॉर्म और बेजोड़ स्ट्राइक रेट ने विपक्षी टीम को चित कर दिया है। अभिषेक ने पिछले टी20 में भारत के लिए 54 गेंदों में 135 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी और फिर गेंदबाजी करते हुए 3 रन देकर 2 विकेट भी लिए थे। ऐसे में उनका गिल के साथ पारी की शुरुआत करना पूरी तरह संभव है, और बाएं हाथ के बल्लेबाज होने के नाते गिल के साथ बाएं-दाएं की जोड़ी भी उन्हें बढ़त दिलाती है।

दूसरी ओर, संजू सैमसन ने पिछले 10 टी20 मैचों में भारत के लिए तीन शतक जरूर लगाए हैं, लेकिन आईपीएल 2025 में चोटिल होने के कारण वह राजस्थान रॉयल्स के लिए केवल नौ मैच ही खेल पाए। आईपीएल 2025 में सैमसन नौ पारियों में एक अर्धशतक के साथ 285 रन ही बना पाए। इसके अलावा, इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई पिछली टी20 सीरीज में उनका प्रदर्शन बेहद साधारण रहा था, उन्होंने पांच पारियों में 10.20 की औसत से केवल 51 रन बनाए थे। सैमसन उस सीरीज में जोफ्रा आर्चर और अन्य तेज गेंदबाजों के खिलाफ तेज और शॉर्ट पिच गेंदों पर असहज दिखे थे। ऐसे में उनका ओपनिंग स्लॉट गिल को मिल सकता है।

ओपनिंग स्लॉट ही नहीं, सैमसन के लिए प्लेइंग-11 में जगह बचाना भी मुश्किल नजर आ रहा है। अगर गिल और अभिषेक ओपनर की भूमिका निभाते हैं, तो सैमसन का नंबर-3 पर खेलना संभव नहीं लगता, क्योंकि तिलक वर्मा का नंबर-3 पर खेलना लगभग तय है। तिलक ने अपने टी20 करियर में कुल 24 पारियां खेली हैं, जिनमें से 13 बार वह नंबर-3 पर आए हैं, इतना ही नहीं, नंबर-3 पर खेलते हुए उन्होंने 55.37 की बेहतरीन औसत और 169.37 की स्ट्राइक रेट से 443 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं। ऐसे में सैमसन के पास अब सिर्फ़ मध्यक्रम में या फ़िनिशर के तौर पर खेलने का ही विकल्प है, लेकिन आंकड़े कहते हैं कि चौथे से सातवें नंबर की स्थिति सैमसन के लिए अनुकूल नहीं रही है। सैमसन ने मध्यक्रम (4-7) में 22 मैचों में 20.40 की औसत और 123.88 के स्ट्राइक रेट से सिर्फ़ 306 रन बनाए हैं, जिसमें सिर्फ़ एक अर्धशतक शामिल है।

सैमसन के लिए यह चुनौती तब और मुश्किल हो जाती है जब टीम के पास जितेश शर्मा के रूप में दूसरा विकेटकीपर मौजूद हो। सैमसन के उलट, जितेश की ख़ासियत एक फ़िनिशर के तौर पर टीम के लिए आक्रामक रन बनाना है। जितेश का भारत के लिए आखिरी टी20 जनवरी 2024 में अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ था। अब तक उन्होंने भारत के लिए नौ टी20 खेले हैं और उनमें उन्होंने सिर्फ़ 100 रन बनाए हैं, लेकिन ये रन उन्होंने 147.05 के स्ट्राइक रेट से कम की बल्लेबाज़ी करते हुए बनाए हैं। वहीं, आईपीएल 2025 में उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। जितेश ने 15 मैचों में 37.28 की औसत और 176.35 के स्ट्राइक रेट से 261 रन बनाए। जितेश की पारी को आतिशी अंदाज में खत्म करने की क्षमता उन्हें सैमसन से ऊपर प्लेइंग-11 में जगह दिला सकती है।

गिल की वापसी सैमसन के लिए खतरा जरूर है, लेकिन इसके पीछे टीम प्रबंधन की सोच यही है कि गिल को सभी फॉर्मेट के कप्तान के तौर पर तैयार रहना चाहिए। भारतीय टीम का थिंक टैंक कभी भी सभी फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कप्तान रखने में यकीन नहीं रखता, इसलिए अगर गिल भविष्य में सभी फॉर्मेट के कप्तान बन जाएं तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी और इसे इस दिशा में पहला कदम माना जा सकता है।

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