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एलन मस्क के पिता ‘एरोल’ ने भारत की इलेक्ट्रिक कार योजना की सराहना की (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

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नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। एलन मस्क के पिता एरोल मस्क इस सप्ताह भारत की यात्रा पर आए हैं। इसी कड़ी में एरोल ने सोमवार को इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में ग्लोबल मैन्युफैक्चरर्स से नए निवेश को आकर्षित करने और भारत को ई-वाहनों के लिए ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाए जाने की दूरदर्शी योजना की सराहना की।

एरोल, घरेलू सर्वोटेक रिन्यूएबल पावर सिस्टम लिमिटेड के वैश्विक सलाहकार हैं।

आईएएनएस के साथ एक विशेष बातचीत में एरोल ने कहा कि 35,000 डॉलर के न्यूनतम सीआईएफ (कॉस्ट इंश्योरेंस और फ्रेट वैल्यू) के साथ इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों पर 15 प्रतिशत का कम सीमा शुल्क एक बहुत अच्छा विचार है।

79 वर्षीय एरोल ने कहा, “यह एक बहुत अच्छा विचार है। यह आगे बढ़ने का तरीका है। साथ ही यह कदम उन लोगों के लिए कई चीजों को आसान बनाएगा, जो कि पहले से ही ईवी के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।”

दक्षिण अफ्रीकी व्यवसायी के अनुसार, नए हाई-टेक इलेक्ट्रिक व्हीकल को स्टेट-ऑफ-द-आर्ट टेक्नोलॉजी के साथ बनाना आसान नहीं है।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, “हमें ईवी निर्माताओं को वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ने में मदद करने के लिए हर संभव अवसर देना चाहिए, न कि उन्हें बाधित करना चाहिए।”

एरोल भारत की ग्रीन टेक्नोलॉजी और ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में तेजी लाने पर केंद्रित यात्रा के लिए भारत पहुंचे हैं।

नई ईवी योजना के तहत, कंपनियों को देश में मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं स्थापित करने के लिए 4,150 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा।

इसके बाद इन कंपनियों को वर्तमान में 70-100 प्रतिशत के मुकाबले 15 प्रतिशत के कम आयात शुल्क पर सालाना 8,000 इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन इंपोर्ट करने की अनुमति होगी।

अप्रयुक्त वार्षिक आयात सीमा को आगे बढ़ाने की अनुमति होगी।

सरकारी अधिसूचना के अनुसार, इस योजना के तहत आयात किए जाने वाली इलेक्ट्रिक वाहनों की अधिकतम संख्या इतनी होगी कि प्रति आवेदक अधिकतम शुल्क छूट 6,484 करोड़ रुपए या न्यूनतम निवेश सीमा 4,150 करोड़ रुपए, जो भी कम हो, तक सीमित रहे। वहीं, एलिजिबल प्रोडक्ट के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग के लिए निवेश किया जाना चाहिए।

अधिसूचना में कहा गया है कि अगर योजना के तहत निवेश ब्राउनफील्ड परियोजना पर किया जाता है तो मौजूदा विनिर्माण सुविधाओं के साथ स्पष्ट भौतिक सीमाएं निर्धारित की जानी चाहिए।

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम

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