पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत तबाह कर दिया, जिससे पाकिस्तान में भारी उथल-पुथल मच गई है। भारतीय सेना के इस हमले ने पाकिस्तानी सरकार और सेना के बीच तनाव बढ़ा दिया है। इसके साथ ही, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी इस कार्रवाई का गहरा असर पड़ा है, और इसके संकेत पाकिस्तानी शेयर बाजार में देखने को मिले हैं, जहां भारी गिरावट दर्ज की गई।
गुरुवार को पाकिस्तान के स्टॉक एक्सचेंज में 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, जिसके बाद ट्रेडिंग को रोक दिया गया। 22 अप्रैल से लेकर अब तक, कराची स्टॉक एक्सचेंज 100 इंडेक्स (KSE-100) में 13 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है, जो 1,18,430 से घटकर 1,03,060 पर पहुंच गया है। वहीं, अन्य प्रमुख सूचकांकों जैसे KSE-30 में भी 14.3 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, क्योंकि देश के पास केवल 15 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। यह आंकड़ा पाकिस्तान के आर्थिक संकट की गवाही दे रहा है, और देश की सरकार अब आईएमएफ से लोन के लिए बार-बार गुहार लगा रही है।
इसके अलावा, भारत ने सैन्य कार्रवाई के साथ-साथ अन्य कड़े कदम भी उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल समझौते को स्थगित करना शामिल है। इस समझौते को रद्द करने से पाकिस्तान की इंडस्ट्री को गंभीर पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है, जो वहां की अर्थव्यवस्था पर और अधिक दबाव डालने वाला साबित हो सकता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए। भारतीय सेना की इस कार्रवाई से पाकिस्तान में आतंकवादियों में खौफ का माहौल है, और उनकी गतिविधियों पर भी कड़ा नियंत्रण रखा गया है।
इस सैन्य कार्रवाई के बाद से पाकिस्तान में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता गहरी हो गई है, और इसकी व्यापक प्रतिक्रिया पूरी दुनिया में महसूस की जा रही है।