इन दिनों सोशल मीडिया पर खुशी मुखर्जी काफी चर्चा में हैं। उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे अपने बोल्ड अंदाज़ और ड्रेसिंग सेंस के कारण ट्रोलिंग का शिकार हो रही हैं। खासतौर पर एक वीडियो में खुशी गोल्डन हाई स्लिट ड्रेस पहनकर पैपराजी के सामने पोज़ दे रही थीं, तभी अचानक पीछे से किसी ने अपमानजनक शब्द कहे, “चड्डी पहना इसको,” जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और खूब विवादों को जन्म दिया।
खुशी मुखर्जी पर ट्रोलिंग का विवाद
खुशी मुखर्जी को लेकर सोशल मीडिया पर कई नेगेटिव कमेंट्स आ रहे हैं। लोग उन्हें बोल्ड कपड़े पहनने और सार्वजनिक रूप से खुलकर व्यवहार करने के लिए आलोचना कर रहे हैं। कुछ ट्रोलर्स ने उन्हें ‘घटियापन’ करने वाला बताया तो कईयों ने उनके कपड़ों और स्टाइल को गलत ठहराया। यह सब देखकर बिग बॉस की पूर्व प्रतियोगी फलक नाज ने भी सोशल मीडिया पर खुशी की जमकर समर्थन करते हुए उनकी ट्रोलिंग की कड़ी निंदा की।
खुशी मुखर्जी का जवाब — हनुमान चालिसा के साथ सांस्कृतिक जवाब
ट्रोलिंग की इस आग के बीच खुशी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। इस वीडियो में खुशी लाल रंग का पारंपरिक सूट पहने नजर आ रही हैं और वे खुलकर अपने सांस्कृतिक रूट्स की बात कर रही हैं। खुशी कहती हैं, “मैं खुशी मुखर्जी हूं। मुझे पता है कुछ लोग आज भी मुझे ट्रोल करेंगे, बुरा बोलेंगे, लेकिन मैं ये बताना चाहती हूं कि मुझे अपने कल्चरल रूट्स का पता है।”
इसके बाद खुशी ने हनुमान चालिसा पढ़ना शुरू किया। वे बताती हैं कि वे एक बंगाली ब्राह्मण परिवार से आती हैं, जहां संस्कार और धर्म का ज्ञान स्वाभाविक है। खुशी ने हनुमान चालिसा का जाप करते हुए खुद को अपने संस्कृति और धार्मिक मूल्यों के करीब बताया।
खुशी मुखर्जी का सशक्त संदेश
खुशी मुखर्जी ने इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा, “बस क्योंकि मैं बोल्ड कपड़े पहनती हूं इसका मतलब ये नहीं कि मैंने अपना कल्चरल बैकग्राउंड भूल लिया है। मैं एक गौरवान्वित बंगाली ब्राह्मण हूं। हनुमान चालिसा पढ़ने के बाद भी कुछ तथाकथित इंफ्लुएंसर्स और अभिनेता मुझे टारगेट और ट्रोल करेंगे, लेकिन यह वीडियो मेरे उन सभी सपोर्टर्स के लिए है जो मेरा सम्मान करते हैं।”
यह संदेश न केवल खुशी की मजबूती और आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि वे अपनी पहचान और संस्कारों के प्रति कितनी संवेदनशील हैं। उनका यह जवाब उन सभी लोगों के लिए एक सीख है जो किसी की व्यक्तिगत पसंद-नापसंद या कपड़ों की वजह से उन्हें बिना जाने जज करते हैं।
सोशल मीडिया की दोहरी मानसिकता
खुशी मुखर्जी का मामला सोशल मीडिया पर फैली दोहरी मानसिकता का उदाहरण है। एक तरफ लोग बोल्ड और खुलकर अपनी पसंद को जाहिर करने वालों की आलोचना करते हैं, वहीं दूसरी तरफ वे उन्हीं लोगों से उनके सांस्कृतिक और धार्मिक पक्ष को भूलने की उम्मीद भी करते हैं। खुशी ने अपने वीडियो के जरिए इस भेदभाव को उजागर किया और स्पष्ट किया कि उनका बोल्ड अंदाज उनकी संस्कृति से अलग नहीं है।
समर्थन और आलोचना के बीच
खुशी को सोशल मीडिया पर मिले समर्थन में उनके फैंस और कई सेलिब्रिटी भी शामिल हैं जिन्होंने ट्रोलर्स के खिलाफ आवाज़ उठाई। वहीं, आलोचना करने वाले लोग लगातार उनकी पर्सनल लाइफ और फैसलों पर सवाल उठाते रहे। यह विवाद खुशी की पर्सनैलिटी के विविध पहलुओं को लेकर एक बहस भी बन गया है कि कैसे एक व्यक्ति एक साथ कई तरह की पहचान रख सकता है — एक खुले दिल वाली बोल्ड इंसान और एक संस्कारी धार्मिक परिवार की बेटी।