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कब पड़ेगा सावन का पहला सोमवार, जानें किस महूर्त में और कैसे करें शिव को प्रसन्न, यहां जानिए सही विधि और मुहूर्त

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हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे श्रेष्ठ माना गया है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव स्वयं धरती पर वास करते हैं और भक्तों द्वारा की गई पूजा और प्रार्थनाओं को शीघ्र स्वीकार करते हैं। यही कारण है कि सावन के सोमवार का व्रत विशेष महत्व रखता है। इस साल 2025 में श्रावण मास की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 9 अगस्त को होगा। सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई 2025 को पड़ेगा। इस पावन अवसर पर शिवभक्त पूरे श्रद्धा भाव से व्रत रखते हैं और विशेष पूजन करते हैं। आइए जानते हैं कि सावन के पहले सोमवार को शिव जी की पूजा कैसे करनी चाहिए और इस दिन के प्रमुख शुभ मुहूर्त कौन से होंगे।

सावन का पहला सोमवार: पूजा विधि (Sawan First Monday Puja Vidhi)

  1. ब्रह्म मुहूर्त में उठें (सुबह 4:00 बजे के आसपास) और स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।

  2. पूजा स्थान को गंगाजल से पवित्र करें।

  3. ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में एक वेदी बनाकर भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग को स्थापित करें।

  4. शिवलिंग का गंगाजल और पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से अभिषेक करें।

  5. बेलपत्र, सफेद फूल, सफेद चंदन, धतूरा और भांग अर्पित करें। ये सभी भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं।

  6. पूजा करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करें या फिर महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।

  7. व्रत रखने वाले भक्त सोमवार व्रत कथा का श्रवण या पाठ जरूर करें।

  8. अंत में शिव जी से पूजा में हुई भूल के लिए क्षमा मांगें और आरती करें।

ध्यान दें: व्रत करने वाले इस दिन केवल सात्विक भोजन करें। लहसुन, प्याज और तामसिक चीजों से परहेज करें। साथ ही किसी के साथ कटु व्यवहार न करें।

पहला सावन सोमवार 2025: शुभ मुहूर्त (Puja Muhurat)

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:16 से 5:04 बजे तक

  • अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:59 से 12:55 बजे तक

  • अमृत काल: रात 11:21 से 12:55 बजे (15 जुलाई)

  • पूजा का उत्तम समय: दोपहर 11:38 से 12:32 बजे तक

इन शुभ समयों में पूजन करना अत्यंत फलदायी माना गया है। विशेषकर अभिजित मुहूर्त और दोपहर का समय शिव पूजा के लिए श्रेष्ठ है।

क्यों रखें सावन सोमवार का व्रत?

  • भगवान शिव जल्द प्रसन्न होने वाले देव हैं। उनकी आराधना से सभी कष्ट दूर होते हैं।

  • कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती हैं।

  • विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन की सुख-शांति और पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं।

  • श्रद्धा से किया गया सावन सोमवार व्रत पापों से मुक्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति का माध्यम बनता है।

इस साल कितने सोमवार?

2025 के श्रावण मास में कुल चार सावन सोमवार आएंगे:

  1. 14 जुलाई

  2. 21 जुलाई

  3. 28 जुलाई

  4. 4 अगस्त

यदि कोई भक्त चारों सोमवार का व्रत नहीं कर सकता, तो पहला और आखिरी सोमवार का व्रत रखकर भी भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकता है।

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