सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस दौरान भगवान शिव की विधिवत पूजा की जाती है। मान्यता है कि सावन से लेकर कार्तिक माह तक सृष्टि का संचालन स्वयं महादेव करते हैं। इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा बड़े ही भक्ति भाव से की जाती है। साथ ही सावन सोमवार का व्रत भी रखा जा सकता है। इस दिन व्रत रखने से साधक पर शिव की कृपा बरसती है। सावन के महीने में भगवान शिव की विधिवत पूजा करनी चाहिए।
सावन कब से हो रहा है सावन?
सावन 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को खत्म होगा। हिंदू धर्म में सावन का विशेष महत्व है। शास्त्रों में कहा गया है कि सावन के महीने में विशेष पूजा से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। सावन के महीने में सोमवार को व्रत रखा जाता है। सावन में सोमवार को शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और जातक की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
सावन का पहला सोमवार कब है?
इस बार सावन में 4 सोमवार हैं और पहला सोमवार व्रत 14 जुलाई को रखा जाएगा। इसी तरह दूसरा सोमवार 21 जुलाई, तीसरा 28 जुलाई और चौथा 4 अगस्त को रखा जाएगा।
पूजा विधि
सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। फिर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या शिवलिंग स्थापित करें। इसके बाद उनका जलाभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, चंदन, फूल, अक्षत, धूप, दीप, फल, मिठाई, पंचामृत चढ़ाया जाता है। साथ ही ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप भी किया जाता है। इसके बाद अंत में शिव चालीसा पढ़ें और शिवलिंग की आरती करें।