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कलियुग क्या है, विष्णु पुराण की ये 5 भविष्यवाणियां कलियुग का कड़वा सच

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हिंदू धर्म में समय को चार युगों में बांटा गया है — सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग। वर्तमान में हम कलियुग में हैं, जिसे धर्म और नैतिकता के पतन का युग माना जाता है। विष्णु पुराण समेत कई प्राचीन ग्रंथों में कलियुग की विस्तार से चर्चा की गई है और इसके भयावह परिणामों की भविष्यवाणियां की गई हैं। आइए जानें कलियुग क्या है और विष्णु पुराण की 5 प्रमुख भविष्यवाणियां जो कलियुग के कड़वे सच को दर्शाती हैं।

कलियुग क्या है?

कलियुग चौथे और अंतिम युग का नाम है, जिसे अधर्म और पाप का युग माना गया है। इस युग में लोग ईमानदारी, सत्य, और नैतिकता से दूर हो जाते हैं। धार्मिक और सामाजिक नियम टूटते हैं और अनीति, अपराध, और अधर्म बढ़ता है। मान्यता है कि कलियुग की अवधि लगभग 4,32,000 वर्ष होती है।

विष्णु पुराण की 5 भविष्यवाणियां जो कलियुग का सच बयां करती हैं

  1. धर्म का पतन और सत्य की कमी
    विष्णु पुराण में बताया गया है कि कलियुग में धर्म लगभग खत्म हो जाएगा। लोग केवल दिखावे के लिए धर्म का पालन करेंगे, पर असल में नैतिकता का अभाव रहेगा। सत्य की जगह झूठ और छल-फरेब फैलेंगे। लोग केवल स्वार्थ के लिए काम करेंगे और समाज में विश्वास की कमी होगी।

  2. लालच और असमानता का बढ़ना
    कलियुग में धन और संपत्ति को सर्वोच्च माना जाएगा। लोग केवल पैसे कमाने की दौड़ में लगे रहेंगे और लालच से कोई भी हद पार कर सकते हैं। गरीबी और अमीरी के बीच खाई गहरी होगी, जिससे समाज में असमानता बढ़ेगी। दूसरों की मदद करने की भावना कम हो जाएगी।

  3. परिवार और संबंधों का टूटना
    कलियुग में पारिवारिक रिश्ते कमजोर पड़ेंगे। संतान पालन और माता-पिता की सेवा में कमी आएगी। लोग अपने फायदे के लिए रिश्तों को तोड़ देंगे। विवाहित जीवन में अनबन, तलाक, और अलगाव बढ़ेंगे। संतान में कर्तव्यपरायणता कम हो जाएगी।

  4. अधर्म का बढ़ावा और पापों का प्रकोप
    विष्णु पुराण कहता है कि कलियुग में अधर्म के काम खुलेआम होंगे। चोरी, हत्या, हिंसा, और अन्य पापी कार्य आम बात हो जाएंगे। लोगों का मन पवित्रता से दूर हो जाएगा और वे अपने कर्मों का फल भूल जाएंगे। अपराधियों की बढ़ती संख्या से समाज असुरक्षित होगा।

  5. अंत में भगवान का अवतार और कलियुग की समाप्ति
    विष्णु पुराण में भविष्यवाणी की गई है कि कलियुग के अंत में भगवान विष्णु का दसवां अवतार — कल्कि अवतार — धरती पर आएगा। वे अधर्म और पाप को समाप्त करेंगे और धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे। इसके बाद सतयुग का नया युग आरंभ होगा।

निष्कर्ष

कलियुग एक ऐसा युग है जहाँ मानवता नैतिक पतन का सामना कर रही है। विष्णु पुराण की ये भविष्यवाणियां आज के समय की परिस्थितियों से मेल खाती हैं, जहाँ भ्रष्टाचार, पाप, और अराजकता ने समाज को घेर रखा है। पर भगवान के कल्कि अवतार के आने की उम्मीद हमें आशा और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देती है।

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