वजन कम करना एक बड़ी चुनौती है, जिसके लिए महीनों की कड़ी मेहनत और अनुशासन की जरूरत होती है। लेकिन बहुत से लोग इस बात से निराश हो जाते हैं कि कड़ी मेहनत से घटाया गया वजन कुछ ही समय बाद वापस बढ़ जाता है, और कई बार तो पहले से भी ज्यादा हो जाता है। यह एक आम समस्या है जिसके पीछे कई वैज्ञानिक और जीवनशैली से जुड़े कारण जिम्मेदार हैं।
आइए, समझते हैं कि वजन बढ़ने के पीछे कौन से कारण हैं।
1. शारीरिक और हार्मोनल बदलाव
जब आप वजन घटाते हैं, तो आपका शरीर इसे एक खतरे के रूप में देखता है और खुद को बचाने के लिए कुछ खास बदलाव करता है। यह एक प्राचीन “सर्वाइवल मैकेनिज्म” है।
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लेप्टिन और ग्रेलिन का खेल: वजन कम होने के साथ-साथ आपके शरीर में लेप्टिन हार्मोन (जो भूख को कम करता है) का स्तर तेजी से गिरता है। इसके उलट, ग्रेलिन हार्मोन (जो भूख को बढ़ाता है) का स्तर बढ़ जाता है। इसका नतीजा यह होता है कि आप लगातार भूखा महसूस करते हैं और आपका दिमाग पेट भरा होने का संकेत कम देता है।
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धीमा मेटाबॉलिज्म: शरीर ऊर्जा बचाने के लिए अपने बेसल मेटाबॉलिक रेट (BMR) को कम कर देता है। इसका मतलब है कि आराम करते समय भी आपका शरीर पहले की तुलना में कम कैलोरी जलाता है। इसलिए, वजन घटाने के बाद अगर आप उतनी ही मात्रा में खाना खाते हैं, जितनी आप पहले खा रहे थे, तो भी वजन बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है।
2. शॉर्ट-टर्म सोच और पुरानी आदतें
बहुत से लोग वजन घटाने को एक “प्रोजेक्ट” की तरह देखते हैं। वे एक निश्चित समय सीमा के लिए स्ट्रिक्ट डाइट और कड़े वर्कआउट को फॉलो करते हैं। लेकिन एक बार जब वे अपना लक्ष्य हासिल कर लेते हैं, तो वे अपनी पुरानी, अनहेल्दी आदतों पर लौट आते हैं। जैसे ही आप अपनी डाइट और एक्सरसाइज को छोड़ते हैं, शरीर में इकट्ठा हुई अतिरिक्त कैलोरी तुरंत वजन बढ़ाने लगती है। यह सोच कि “अब मेरा वजन कम हो गया है” अक्सर लापरवाही की ओर ले जाती है, और मेहनत से हासिल किया गया रिजल्ट बर्बाद हो जाता है।
3. इमोशनल ईटिंग
वजन कम करने की प्रक्रिया में अक्सर लोग अपने पसंदीदा खाने से लंबे समय तक दूर रहते हैं। एक बार जब वे अपने लक्ष्य तक पहुँचते हैं, तो वे अक्सर खुद को “पुरस्कृत” करने के लिए ज़्यादा खा लेते हैं। इसके अलावा, तनाव, एंग्जायटी, उदासी या बोरियत जैसी भावनाएँ भी इमोशनल ईटिंग को ट्रिगर कर सकती हैं। इन भावनाओं को दबाने के लिए लोग अक्सर अनहेल्दी और हाई-कैलोरी फूड्स का सहारा लेते हैं, जिससे वजन फिर से बढ़ने लगता है।
4. गलत डाइटिंग प्लान
बाजार में नो-कार्ब डाइट, क्रैश डाइट या मोनो-डाइट जैसे कई तरह के डाइट प्लान मौजूद हैं। लोग अक्सर बिना अपनी शारीरिक ज़रूरतों को समझे इन डाइट प्लान को फॉलो करना शुरू कर देते हैं। ये डाइट प्लान अक्सर लंबे समय तक फॉलो करना मुश्किल होते हैं। इसके अलावा, ये शरीर में ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी कर सकते हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। जब आप ऐसे डाइट प्लान को छोड़ते हैं, तो शरीर पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए तेजी से कैलोरी स्टोर करना शुरू कर देता है, जिससे वजन बढ़ता है।
वजन को नियंत्रित रखने के लिए ज़रूरी है कि आप एक टिकाऊ और संतुलित जीवनशैली को अपनाएं, न कि सिर्फ एक शॉर्ट-टर्म डाइट को। सही डाइट, नियमित व्यायाम और एक स्वस्थ मानसिक स्थिति के साथ ही आप अपने वजन को लंबे समय तक नियंत्रित रख सकते हैं।