कॉमेडियन कुणाल कामरा को बड़ी राहत मिली है। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि जब तक उनके खिलाफ मामले में आरोप पत्र दाखिल नहीं हो जाता, तब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। हालाँकि, उच्च न्यायालय ने खार पुलिस द्वारा दर्ज मामला रद्द करने से इनकार कर दिया है। बता दें कि कॉमेडियन ने अपनी याचिका में यह भी मांग की थी कि उन्हें मुंबई में जान का खतरा है, इसलिए उनका बयान चेन्नई में दर्ज किया जाए। इस पर सहमति जताते हुए हाईकोर्ट ने खार पुलिस को चेन्नई पुलिस की मदद से कुणाल कामरा का बयान दर्ज करने का निर्देश दिया है।
अंतिम निर्णय से पहले कोई गिरफ्तारी नहीं
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यह आदेश न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल और न्यायमूर्ति एम.एस. कॉमेडियन कुणाल कामरा की याचिका पर। मोदक की दो सदस्यीय पीठ ने यह आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि जब तक कॉमेडियन की याचिका पर अंतिम फैसला नहीं हो जाता, तब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, यदि इस बीच उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जाता है तो ट्रायल कोर्ट को उनके खिलाफ कोई कार्यवाही शुरू न करने का भी निर्देश दिया गया है।
खार पुलिस ने मामला दर्ज किया
उल्लेखनीय है कि कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट और कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर खार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। अब हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले पर अगली सुनवाई तक उन्हें अंतरिम राहत दे दी है।
पूरा मामला क्या है?
ज्ञात हो कि कुणाल कामरा ने पिछले महीने अपने स्टैंड-अप शो के दौरान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना उन्हें ‘देशद्रोही’ कहा था। जैसे ही उनका यह बयान वायरल हुआ, काफी हंगामा मच गया। यहां तक कि शिवसेना के एक समूह ने मुंबई के हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ की क्योंकि कुणाल का शो उसी स्टूडियो में आयोजित किया गया था। हंगामे के बाद खार पुलिस ने कॉमेडियन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।