आज के समय में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पहले जहां मेट्रो सिटी में ही क्रेडिट कार्ड का चलन देखने को मिलता था, अब टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी लोग बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल करने लगे हैं। लोग शॉपिंग, रेस्टोरेंट बिल, ऑनलाइन टिकट बुकिंग और यात्रा खर्चों के लिए क्रेडिट कार्ड का सहारा ले रहे हैं। इसकी वजह से जहां जीवन आसान हुआ है, वहीं कुछ चुनौतियां भी सामने आई हैं। सबसे बड़ी चुनौती समय पर बिल भुगतान की है। जैसे-जैसे क्रेडिट कार्ड का उपयोग बढ़ा है, वैसे-वैसे डिफॉल्ट यानी बिल चुकाने में देरी के मामले भी बढ़े हैं। इसका सीधा असर लोगों के क्रेडिट स्कोर पर पड़ रहा है।
क्रेडिट कार्ड से जुड़े आम सवाल
क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले कई लोगों के मन में कुछ सामान्य सवाल होते हैं। सबसे बड़ा सवाल यह रहता है कि क्या बिलिंग साइकिल के अंतिम दिन बिल भरने पर क्रेडिट स्कोर खराब होता है? क्या आखिरी दिन पेमेंट करना सही है? क्या इससे कोई जुर्माना या ब्याज लगेगा? अगर आप भी इन सवालों से जूझ रहे हैं, तो आपके लिए यह जानकारी बेहद जरूरी है।
बिलिंग साइकिल और ड्यू डेट का मतलब समझें
हर क्रेडिट कार्ड की एक तय बिलिंग साइकिल होती है, जो आमतौर पर 30 दिन की होती है। इस साइकिल के समाप्त होने के बाद बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी बिल जनरेट करती है और बिल पर एक निश्चित ड्यू डेट दी जाती है, जिसके भीतर आपको भुगतान करना होता है। ड्यू डेट तक बिल भरने पर कोई अतिरिक्त चार्ज या पेनल्टी नहीं लगती है।
ड्यू डेट के आखिरी दिन पेमेंट करने का असर
अगर आप ड्यू डेट के अंतिम दिन क्रेडिट कार्ड का बिल भुगतान करते हैं, तो आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। यह सिर्फ एक भ्रम है कि आखिरी दिन भुगतान करने से सिबिल स्कोर खराब हो सकता है। बशर्ते कि भुगतान बैंक या कार्ड जारी करने वाली कंपनी तक उसी दिन पहुंच जाए। कई बार तकनीकी कारणों से भुगतान में देरी हो सकती है, इसलिए ड्यू डेट के एक-दो दिन पहले ही भुगतान करना समझदारी भरा कदम होता है।
ड्यू डेट के बाद भुगतान करने का नुकसान
अगर आप ड्यू डेट बीत जाने के बाद भुगतान करते हैं तो स्थिति बदल जाती है। ऐसे में बैंक या फाइनेंशियल संस्था इसे डिफॉल्ट मान सकती है। इससे न केवल आपको लेट पेमेंट चार्ज देना पड़ता है, बल्कि आपका क्रेडिट स्कोर भी गिर सकता है। यही वजह है कि हमेशा कोशिश करें कि ड्यू डेट से पहले या कम से कम ड्यू डेट पर ही बिल चुकता कर दें।
सिबिल स्कोर पर क्या असर पड़ता है?
सिबिल स्कोर (CIBIL Score) आपके वित्तीय अनुशासन का आईना होता है। यह स्कोर मुख्यतः आपके लोन और क्रेडिट कार्ड के भुगतान इतिहास पर आधारित होता है। मोबाइल बिल, बिजली बिल या पानी के बिल को सीधे तौर पर सिबिल स्कोर में शामिल नहीं किया जाता। सिबिल रिपोर्ट में मुख्य रूप से होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड से संबंधित भुगतान की जानकारी दर्ज होती है। अगर आपने किसी भी लोन की EMI या क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान समय पर नहीं किया, तो इसका सीधा नकारात्मक असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है।
समय पर भुगतान के फायदे
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क्रेडिट स्कोर मजबूत होता है: समय पर भुगतान करने से आपका सिबिल स्कोर बेहतर रहता है, जिससे भविष्य में लोन लेना आसान हो जाता है।
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ब्याज और जुर्माने से बचाव: ड्यू डेट के भीतर बिल चुकता करने से आप अतिरिक्त ब्याज या लेट फीस से बच सकते हैं।
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क्रेडिट लिमिट बढ़ने की संभावना: अगर आप समय पर और पूरी राशि का भुगतान करते हैं तो बैंक आपकी क्रेडिट लिमिट बढ़ा सकता है।
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फाइनेंशियल डिसिप्लिन: समय पर भुगतान करने से आप वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हैं, जो भविष्य में बड़ी आर्थिक योजनाओं के लिए मददगार साबित होता है।
निष्कर्ष
क्रेडिट कार्ड का समझदारी से इस्तेमाल करना जरूरी है। ड्यू डेट के आखिरी दिन बिल भुगतान करने से कोई नुकसान नहीं है, बशर्ते कि भुगतान समय पर प्रोसेस हो जाए। लेकिन ड्यू डेट के बाद बिल भरने पर न केवल अतिरिक्त चार्ज देना पड़ता है, बल्कि आपका सिबिल स्कोर भी खराब हो सकता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका क्रेडिट स्कोर मजबूत रहे और भविष्य में किसी लोन या क्रेडिट सुविधा के लिए परेशानी न हो, तो हमेशा समय पर अपने क्रेडिट कार्ड का बिल चुकता करें। थोड़ी सी सतर्कता आपको बड़ी वित्तीय समस्याओं से बचा सकती है।