बच्चों की पढ़ाई में रुचि बनाए रखना हर माता-पिता की प्राथमिकता होती है, लेकिन कई बार देखा जाता है कि बच्चे पढ़ाई में रुचि नहीं लेते या एकाग्रता की कमी होती है। इसका एक कारण आपके घर का वास्तु दोष भी हो सकता है। सही वास्तु नियमों का पालन करने से बच्चों की शिक्षा में सुधार हो सकता है और वास्तु दोष दूर होने से बच्चे का पढ़ाई में भी मन लगता है। यदि आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है या किसी कारणवश उसके अच्छे अंक नहीं आ रहे हैं, तो हो सकता है कि इसका कारण आपके घर में वास्तु दोष हो और इसे तुरंत दूर करने की आवश्यकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पढ़ाई और एकाग्रता घर के वातावरण और विशेष रूप से अध्ययन कक्ष की दिशा से बहुत प्रभावित होती है। सही दिशा में बैठकर पढ़ाई करने, सही रंगों का प्रयोग करने और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने से बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ सकती है। आइए, सेलिब्रिटी ज्योतिषी प्रदुमन सूरी से जानें वास्तु उपायों के बारे में जो आपके बच्चे की पढ़ाई में मदद कर सकते हैं।
सही दिशा में बैठकर अध्ययन करें
बच्चों की एकाग्रता और शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए स्टडी टेबल को सही दिशा में रखना बहुत जरूरी माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार पढ़ाई के लिए पूर्व या उत्तर दिशा सबसे शुभ मानी जाती है। पूर्व दिशा सीखने और ज्ञान का प्रतीक है, जो बच्चों की बौद्धिक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है। साथ ही उत्तर दिशा सकारात्मक ऊर्जा और स्थिरता प्रदान करती है, जिससे बच्चों का मन पढ़ाई में अधिक केंद्रित होता है।
यदि स्टडी टेबल सही दिशा में नहीं है तो बच्चे को पढ़ाई में एकाग्रता बनाए रखने में कठिनाई होती है और वह पढ़ाई से जल्दी ऊब सकता है। इसलिए, अध्ययन टेबल को पूर्व या उत्तर दिशा में इस प्रकार रखना चाहिए कि पढ़ते समय बच्चे का मुख इसी दिशा में रहे। बच्चों के अध्ययन कक्ष में यह छोटा सा बदलाव बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के साथ-साथ उनकी याददाश्त को भी मजबूत कर सकता है। सही दिशा में बैठकर अध्ययन करने से न केवल उनका ध्यान केंद्रित रहेगा, बल्कि उन्हें बेहतर अंक प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी।
अध्ययन टेबल को अव्यवस्थित न रखें
बच्चों की पढ़ाई में एकाग्रता बनाए रखने के लिए न केवल सही दिशा का होना बहुत जरूरी है, बल्कि स्टडी टेबल को साफ और व्यवस्थित रखना भी जरूरी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अव्यवस्थित और अस्त-व्यस्त स्टडी टेबल नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है, जिससे बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता। जब किताबें, कॉपियां, पेन व अन्य चीजें बेतरतीब ढंग से मेज पर रखी जाती हैं, तो इस विकार का असर उनके दिमाग पर भी पड़ता है और वे पढ़ाई से जल्दी ऊब जाते हैं। इसके विपरीत, यदि अध्ययन टेबल को साफ-सुथरा रखा जाए तो इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और बच्चे की याददाश्त भी बेहतर होती है। पढ़ाई करते समय बच्चे का ध्यान सिर्फ किताबों पर ही रहना चाहिए, इसलिए मेज पर अनावश्यक चीजें न रखें।
अध्ययन मेज पर बहुत अधिक चीजें न रखें
यदि आप अध्ययन टेबल पर पुस्तकों से अधिक कुछ रखते हैं तो इसे अच्छा नहीं माना जाता है। कोशिश करें कि स्टडी टेबल खाली रखें और केवल वही चीजें रखें जो बच्चे की पढ़ाई के लिए जरूरी हों। मेज पर बहुत अधिक सामान रखने से मन में भ्रम पैदा होता है। इसके अलावा स्टडी टेबल के सामने दीवार पर भगवान सरस्वती की कोई प्रेरणादायक तस्वीर या मूर्ति या फोटो लगाना शुभ होता है।
अध्ययन कक्ष का रंग और प्रकाश व्यवस्था
- अध्ययन कक्ष का रंग हल्का हरा, पीला, हल्का नीला या सफेद होना चाहिए। ये रंग मन को शांत रखते हैं और बच्चे की पढ़ाई में रुचि बढ़ाते हैं।
- कमरे में प्राकृतिक प्रकाश अधिकतम होना चाहिए। यदि स्थान पर प्राकृतिक प्रकाश की कमी हो तो सफेद या पीले प्रकाश वाले बल्ब का उपयोग करें।
- अध्ययन कक्ष में टीवी, मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं रखने चाहिए। यदि अध्ययन कक्ष में कम्प्यूटर रखना आवश्यक हो तो उसे पश्चिमी दीवार के पास रखें। इससे आपके बच्चे का मन पढ़ाई में लगेगा।