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क्या आप भी पेट के बल करती हैं सोना पसंद, एक बार जान लें होने वाले नुकसान

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स्वस्थ रहने के लिए सिर्फ हेल्दी डाइट ही काफी नहीं है, बल्कि अच्छी और बेहतर नींद लेना भी जरूरी है। क्योंकि नींद सेहत को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है और डॉक्टर भी 7 से 8 घंटे की नींद लेने की सलाह देते हैं। हालांकि, आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में रात को अच्छी नींद लेना किसी टास्क से कम नहीं है।

कई लोगों की आदत होती है कि वे बिस्तर पर तो लेट जाते हैं, लेकिन उन्हें नींद नहीं आती और वे करवटें बदलते रहते हैं। कुछ लोगों की सोने की पोजीशन सही नहीं होती और वे पेट के बल सोते हैं। अगर आप भी उनमें से एक हैं, तो अभी रुक जाइए। क्योंकि ऐसा करने से आपको कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, पेट के बल सोना कुछ लोगों के लिए आरामदायक हो सकता है, लेकिन इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि एमबीबीएस, पीएचडी, एफआरसीपी, एफआरसीपैथ डॉ. स्मिता पटेल क्या कहती हैं?

रीढ़ की हड्डी पर दबाव

डॉक्टरों का कहना है कि पेट के बल सोने से आपकी रीढ़ की हड्डी का प्राकृतिक कर्व सपोर्ट नहीं करता, जिससे रीढ़ की हड्डी पर ज्यादा दबाव पड़ता है। इससे पीठ दर्द और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

गर्दन में दर्द

इस पोजीशन में सोते समय आपको अपना सिर एक तरफ मोड़ना पड़ता है, जिससे गर्दन पर दबाव पड़ता है। लंबे समय तक इस पोजीशन में सोने से गर्दन में दर्द और अकड़न हो सकती है, जिसे सर्वाइकल पेन भी कहते हैं।

सांस लेने में दिक्कत

पेट के बल सोने से छाती पर दबाव पड़ता है, जिससे फेफड़ों में समस्या हो सकती है। इससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो सकती है।

आंतरिक अंगों पर दबाव

पेट के बल सोने से पेट और आंतरिक अंगों पर दबाव बढ़ता है। इससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे एसिडिटी, गैस और अपच

त्वचा संबंधी समस्याएं

पेट के बल सोने से आपके चेहरे का हिस्सा तकिए से दबता है, जिससे त्वचा पर घर्षण और दबाव पड़ता है। इससे चेहरे पर झुर्रियां और त्वचा संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

पेट के बल सोने से कैसे बचें?

  • पीठ या करवट के बल सोने की कोशिश करें- पीठ या करवट के बल सोने से रीढ़ की हड्डी को बेहतर सपोर्ट मिलता है और इन समस्याओं से बचा जा सकता है।
  • सहायक तकिए का इस्तेमाल करें- सही तकिया चुनें जो आपकी गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सहारा दे सके।
  • धीरे-धीरे सोने की स्थिति बदलें – धीरे-धीरे अपनी सोने की स्थिति बदलने की कोशिश करें ताकि आपके शरीर को नई स्थिति के अनुकूल होने में समय लग सके। इन टिप्स को फॉलो करके आप बेहतर नींद के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी बच सकते हैं।

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