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क्‍या घर-दुकान बनाने के लिए पुलिस से परमिशन लेनी है जरूरी, यहां जानिए क्या कहता है नियम?

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नई सरकार ने दिल्ली के लोगों को बड़ी राहत दी है। अब मकान बनाने में पुलिस का हस्तक्षेप बंद हो जाएगा। अब राजधानी में निर्माण के लिए पुलिस की अनुमति जरूरी नहीं होगी। 1 मार्च को दिल्ली सरकार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि किसी भी निर्माण कार्य के लिए पुलिस से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। नगर विकास विभाग के एसीएस (अतिरिक्त मुख्य सचिव) नवीन कुमार चौधरी ने एक परिपत्र जारी कर इसकी जानकारी दी।

नए सर्कुलर के अनुसार, दिल्ली में डीएमसी एक्ट की धारा 336 के तहत एमसीडी भवन निर्माण से जुड़े सभी कार्यों को नियंत्रित करती है। स्थानीय निकाय लेआउट योजना और भवन योजना निर्माण श्रमिकों को डीएमसी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत जारी की जाती है। इन्हीं धाराओं में कुछ शर्तें भी हैं जिनके तहत स्थानीय निकाय अधिकारी भवन निर्माण संबंधी गतिविधियों के संबंध में पुलिस से जांच रिपोर्ट मांग सकते हैं। इसके अलावा पुलिस का निर्माण कार्य से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए भवन निर्माण के लिए पुलिस की अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं है।

सर्कुलर में कहा गया है कि लोगों में यह भ्रांति है कि कोई भी निर्माण कार्य करने से पहले पुलिस की अनुमति लेना जरूरी है, लेकिन जेसीबी नियमों के अनुसार ऐसी कोई बात नहीं है। हालांकि, इसी सर्कुलर में कहा गया है कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के अनुसार, अगर कोई अवैध काम हो रहा है तो पुलिस इसकी जानकारी एमसीडी को दे सकती है। इसका फायदा उठाकर कई बार पुलिस इसका दुरुपयोग भी करती थी। अब अगर ऐसा नहीं हुआ तो भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।

दिल्ली सरकार के सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि दिल्ली पुलिस अपने सभी कर्मियों को इसकी जानकारी दे ताकि लोगों में इस संबंध में कोई गलतफहमी न रहे। किसी का भी दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। परिपत्र में यह भी कहा गया है कि पुलिस को अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप करने से रोकने का मतलब यह नहीं है कि जब एमसीडी ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाती है तो पुलिस को मदद नहीं करनी चाहिए। पुलिस को एमसीडी की पूरी मदद करनी होगी।

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