वित्त वर्ष 2025-26 के लिए इनकम टैक्स से जुड़े कई अहम नियमों में बदलाव किए गए हैं। सबसे बड़ा बदलाव ये है कि न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब सालाना 12 लाख रुपये तक की कमाई करने वालों को टैक्स नहीं देना होगा। सरकार का मकसद टैक्स सिस्टम को आसान बनाना और ज़्यादा से ज़्यादा टैक्सपेयर्स को न्यू टैक्स रिजीम की ओर आकर्षित करना है। लेकिन इससे जुड़ा एक अहम सवाल आज भी लाखों नौकरीपेशा लोगों के मन में है — क्या न्यू टैक्स रिजीम अपनाने पर लीव ट्रैवल अलाउंस (Leave Travel Allowance – LTA) पर टैक्स छूट मिलती है?
इस लेख में हम विस्तार से समझते हैं कि LTA की टैक्स छूट किसे मिलती है, किस टैक्स स्ट्रक्चर में यह लागू होती है और इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है।
1. न्यू टैक्स रिजीम में एलटीए पर कोई छूट नहीं
अगर आप न्यू टैक्स रिजीम अपनाते हैं तो यह साफ समझ लें कि इसमें LTA पर कोई टैक्स छूट नहीं मिलेगी। यानी अगर आपकी सैलरी में LTA शामिल है, तो उस पूरी रकम पर टैक्स देना होगा — चाहे आपने यात्रा की हो या नहीं, बिल जमा किए हों या नहीं।
सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम को एक सिंपल और बिना किसी छूट वाली प्रणाली के तौर पर पेश किया है। इसमें 80C, HRA, और LTA जैसी टैक्स छूट की सुविधाएं नहीं मिलतीं। अगर आपकी कंपनी LTA देती है और आपने न्यू टैक्स रिजीम के तहत TDS कटवाने का विकल्प चुना है, तो वह रकम आपकी पूरी टैक्सेबल इनकम में जोड़ दी जाएगी। यानी LTA का लाभ केवल पुराने टैक्स सिस्टम (ओल्ड टैक्स रिजीम) में ही संभव है।
2. क्या हर साल एलटीए पर टैक्स छूट मिलती है?
कई लोगों को यह भ्रम होता है कि LTA पर हर साल टैक्स छूट मिलती है, लेकिन ऐसा नहीं है। LTA पर टैक्स छूट केवल चार साल के एक ब्लॉक में दो बार ली जा सकती है। मौजूदा ब्लॉक 1 जनवरी 2022 से शुरू होकर 31 दिसंबर 2025 तक है। इस अवधि के दौरान कोई भी कर्मचारी अधिकतम दो बार एलटीए की छूट का लाभ ले सकता है।
अगर किसी कर्मचारी ने इस ब्लॉक के दौरान केवल एक बार ही यात्रा की है और सिर्फ एक बार ही LTA का दावा किया है, तो वह उस एक और यात्रा की छूट को अगले ब्लॉक के पहले साल में ट्रांसफर कर सकता है। इसे कैरी फॉरवर्ड की सुविधा कहते हैं।
3. प्राइवेट नौकरी वालों को कैसे मिलेगा लाभ?
अगर आप निजी क्षेत्र (प्राइवेट जॉब) में काम करते हैं और एलटीए की छूट का लाभ उठाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ओल्ड टैक्स रिजीम को ही चुनना होगा। पुराने टैक्स सिस्टम के तहत सेक्शन 10(5) के तहत एलटीए पर टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है।
इसमें कुछ शर्तें लागू होती हैं:
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यात्रा भारत के भीतर ही होनी चाहिए, विदेश यात्रा पर एलटीए छूट नहीं मिलती।
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यात्रा के लिए आपको टिकट, होटल, टैक्सी आदि के बिल जमा करने होंगे।
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यात्रा केवल कर्मचारी और उसके परिवार तक सीमित होनी चाहिए (जैसे कि पत्नी, बच्चे, माता-पिता आदि)।
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छूट केवल यात्रा खर्च (फेयर) पर ही लागू होती है, होटल और खाने-पीने पर नहीं।
4. क्या सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों के नियम अलग हैं?
इसका जवाब है — नहीं। LTA के नियम सरकारी और निजी क्षेत्र, दोनों ही कर्मचारियों के लिए एक जैसे हैं। दोनों ही कैटेगरी के लोग यदि ओल्ड टैक्स रिजीम का विकल्प चुनते हैं, तो वे एलटीए की टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं।
मान लीजिए आपने भारत के किसी हिस्से की यात्रा की है और उसमें कुल खर्च 40 हजार रुपये आया, लेकिन आपकी कंपनी ने आपकी सैलरी में 30 हजार रुपये बतौर एलटीए दिया है — तो आपको अधिकतम 30 हजार रुपये तक ही टैक्स छूट मिलेगी। यानी आप जितना खर्च करते हैं, उससे नहीं, बल्कि जितना एलटीए आपकी सैलरी में शामिल है, उतना ही टैक्स छूट मिल सकती है।