टेक न्यूज़ डेस्क,दुनिया भर में iPhones को प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिहाज़ से नंबर-1 माना जाता है. लेकिन सिक्योरिटी रिसर्चर ने दावा किया है कि iPhone का USB Type C कंट्रोलर हैक किया जा सकता है.
सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने iPhone के USB Type C कंट्रोलर को हैक करने का दावा किया है. उन्होंने बताया है कि iPhone में लगे USB Type C में दिए गए ऐपल सिक्योरिटी को बायपास किया जा सकता है.
सिक्योरिटी रिसर्चर Thomas Roth हार्डवेयर सिक्योरिटी पर रिवर्स इंजीनियरिंग के वीडियोज बनाते हैं. थॉमस ने अपने डेमोंस्ट्रेशन में ACE3 कंट्रोलर का रिवर्स इंजीनियरिंग करके उसे हैकेबल बताया है. थॉमस ने ऐपल के ACE3 यूएसबी टाइप सी कंट्रोलर का रिवर्स इंजीनियरिंग किया और पाया कि इसे हैक किया जा सकता है.
हार्डवेयर रिवर्स इंजीनियरिंग को आसान शब्दों में समझें तो ये एक प्रोसेस है. इस प्रोसेस में किसी भी फिजिकल डिवाइस का डिज़ाइन और आर्किटेक्चर समझने के लिए उसे डिस्मेंटल यानी अलग अलग करना होता है. तमाम कॉम्पोनेंट्स को अलग करके ये समझा जाता है कि वो काम कैसे करता है.
किसी प्रोडक्ट की सिक्योरिटी टेस्टिंग करने के लिए रिसर्चर्स हार्डवेयर रिवर्स इंजीनियरिंग यूज़ करते हैं. ऐसा करते ये पता लगाया जा सकता है कि उसमें क्या खामियां हैं और सिक्योरिटी के लिहाज़ से कितना सिक्योर है.
जर्मनी के हैंमबर्ग में आयोजित 38th Chaos Communication Congress का एक वीडियो सामने आया है. चार दिन चलने वाली इस कॉन्फ़्रेंस में टेक्नोलॉडी, सोसाइटी और यूटोपिया पर लेकर इनडेप्थ कवरेज होती है.
ग़ौरतलब है कि iPhone 15 के साथ ऐपल ने पहली बार अपने आईफोन्स में USB Type C पोर्ट देने की शुरूआत की. कंपनी ने अपने iPhones में ACE3 कस्टम USB-C कंट्रोलर यूज़ करती है.
ACE3 कंट्रोलर की बात करें तो ये Apple डिवाइसेज में यूज़ किया जाने वाला ख़ास यूएसबी सी कंट्रोलर चिप है. iPhone 15 और दूसरे नए iPhone में इसी कंट्रोलर का यूज किया जाता है. इसे डेटा ट्रांसफर और चार्जिंग के लिए यूज किया जाता है. ये कंपनी का प्रोपराइटी चिप है जो सिर्फ ऐपल डिवाइसेज में ही मिलता है. इसी ACE3 कंट्रोलर में सिक्योरिटी रिसचर्स ने खामी ढूंढी है.साइबर सिक्योरिटी न्यूज़ के मुताबिक़ इस iPhone में दिए गए ACE3 यूएसबी टाइप सी कंट्रोलर में खामियों का फायदा उठा कर साइबर क्रिमिनल्स iPhone को हैक कर सकते हैं. डेटा ट्रांसफ़र के दौरान हैकर्स iPhone की सेंसिटिव जानकारियां चोरी भीकर सकते हैं और साथ ही सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स बायपास करके फ़ोन में मलेशियस कमांड इंजेक्ट कर सकते हैं. ग़ौरतलब है कि USB Type C के ज़रिए iPhone को चार्ज किया जाता है और डेटा ट्रांसफ़र किया जाता है. डेटा ट्रांसफ़र होने का मतलब ये है कि अगर USB Type C हैक कर लिया गया तो iPhone यूजर्स को मुश्किल हो सकती है.