भारतीय क्रिकेट में उभरते हुए युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी को लेकर पूर्व क्रिकेटर और अभिनेता योगराज सिंह का एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है। युवराज सिंह के पिता योगराज ने वैभव की प्रतिभा की सराहना करते हुए जहां उन्हें भविष्य का स्टार बताया, वहीं टेस्ट क्रिकेट को लेकर अपनी राय ने क्रिकेट जगत में बहस छेड़ दी है।
योगराज सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “मैं टेस्ट क्रिकेट को नहीं मानता।” उनका कहना है कि आज के दौर में खिलाड़ी को तीनों फॉर्मेट – टेस्ट, वनडे और टी20 – में खेलने के लिए पूरी तरह फिट और मानसिक रूप से मजबूत होना चाहिए। उन्होंने वैभव सूर्यवंशी को लेकर सवाल उठाया कि क्या वह 5 दिन तक बल्लेबाजी कर सकेंगे?
योगराज बोले – “असली परीक्षा टेस्ट में होती है”
हालांकि योगराज सिंह ने टेस्ट क्रिकेट की उपयोगिता पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि खिलाड़ी की असली परीक्षा टेस्ट मैचों में ही होती है। उन्होंने कहा, “अगर कोई बल्लेबाज पांच दिन तक टिक सकता है, तभी वो असली खिलाड़ी बन सकता है। आज के क्रिकेट में फिटनेस और टेम्परामेंट सबसे जरूरी हैं।” यह बयान कुछ हद तक विरोधाभासी नजर आया, क्योंकि एक ओर उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को ‘न मानने’ की बात कही, वहीं दूसरी ओर उसे ‘असली परीक्षा’ भी करार दिया।
वैभव की प्रतिभा की तारीफ
योगराज सिंह ने 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी की तकनीक और क्रिकेटिंग माइंडसेट की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि वैभव में वह भूख है, जो एक बड़े खिलाड़ी के अंदर होनी चाहिए। उनका मानना है कि अगर वैभव इसी तरह मेहनत करता रहा, तो वह जल्द ही भारत का प्रतिनिधित्व कर सकता है।
क्रिकेट जगत में हलचल
योगराज सिंह के इस बयान के बाद क्रिकेट गलियारों में हलचल मच गई है। कई पूर्व खिलाड़ी और क्रिकेट पंडितों ने टेस्ट क्रिकेट के महत्व को दोहराया है। उनका कहना है कि भले ही आज T20 और वनडे क्रिकेट का बोलबाला है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट ही खेल की असली आत्मा है।