जो कपल्स रिलेशनशिप में होते हैं, अक्सर उनके पार्टनर उनसे कई सवाल पूछते हैं जैसे कि आप कहां थे, किसके साथ थे, कहां जाने का प्लान कर रहे हैं? कुछ लोगों को ये सवाल पसंद आते हैं तो कुछ को ये इरिटेटिंग लगते हैं। लेकिन आजकल रिलेशनशिप में एक नया ट्रेंड चल रहा है जिसमें सवाल-जवाब की कोई जगह नहीं है। इस ट्रेंड का नाम है DADT यानी ‘डू नॉट आस्क, डू नॉट टेल’। इसका मतलब है ‘सवाल मत पूछो, जवाब मत दो’। कामकाजी कपल्स, लिव-इन रिलेशनशिप या लॉन्ग डिस्टेंस कपल्स को ये ट्रेंड काफी अच्छा लग रहा है।
निजी जिंदगी में दखल नहीं देना चाहते
रिलेशनशिप एक्सपर्ट प्रियंका श्रीवास्तव कहती हैं कि आजकल लोग रिलेशनशिप में तो रहना चाहते हैं लेकिन वो अपनी निजी जिंदगी को अपने पार्टनर से भी प्राइवेट रखने में यकीन रखते हैं। वो नहीं चाहते कि कोई उनकी जिंदगी में दखल दे। इसलिए वो इस फंडे पर हैं कि ‘तुम न मुझसे सवाल पूछो और न मैं तुमसे कुछ कहूँगा।’ वो रिलेशनशिप में जवाबदेही नहीं चाहते। DADT रिलेशनशिप भरोसे और आजादी पर आधारित होता है।
स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी जाती है
सच्चा प्यार वह होता है जिसमें साथी को आज़ाद कर दिया जाता है। जोड़े एक दूसरे को बांधना नहीं चाहते। DADT की नींव स्वतंत्रता पर टिकी होती है। युवा अब बंधन में नहीं रहना चाहते। उन्हें रिश्ते में निष्क्रिय रहना पसंद नहीं है। इससे उनका रिश्ता भी मजबूत होता है। खास तौर पर जो लोग लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में होते हैं, उनका रिश्ता लंबे समय तक चलता है।
झगड़े नहीं होते
ज्यादातर जोड़े तभी झगड़ते हैं जब वे एक दूसरे को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं, एक दूसरे की ज़िंदगी में दखल देते हैं। वे उनके आने-जाने, कपड़ों, खाने-पीने, दोस्तों या फोन पर नज़र रखते हैं। कई बार इन सब बातों से साथी चिढ़ जाता है क्योंकि उसके मन में संदेह पैदा होने लगते हैं। ये बातें रिश्ते में तनाव और टकराव पैदा करती हैं और झगड़े शुरू हो जाते हैं। DADT रिश्ते में इन सब बातों की कोई गुंजाइश नहीं होती। आधुनिक जोड़े एक दूसरे को सब कुछ बताना ज़रूरी नहीं समझते और न ही उनसे चीज़ें शेयर करने की उम्मीद करते हैं, ताकि उनके बीच तनाव या झगड़ा न हो। DADT रिलेशनशिप के नुकसान
DADT रिलेशनशिप तभी सफल होते हैं जब कपल्स परिपक्व होते हैं। उनके बीच अच्छी आपसी समझ होनी चाहिए, अहंकार का टकराव नहीं होना चाहिए और दोनों की सोच सकारात्मक होनी चाहिए। लेकिन DADT रिलेशनशिप के जल्दी टूटने की संभावना ज़्यादा होती है क्योंकि कपल्स के बीच कम्युनिकेशन गैप होता है और जब सवाल-जवाब नहीं किए जाते हैं तो उनके बीच कोई जुड़ाव नहीं रह जाता। यानी दोनों के बीच भावनात्मक दूरी होती है। ऐसे में अगर एक पार्टनर अपने दिल की बात शेयर करना भी चाहे तो दूसरा उसे अनदेखा कर सकता है। इससे धोखा देने का जोखिम भी बढ़ जाता है क्योंकि भावनात्मक जुड़ाव नहीं होता। जो लोग भावुक होते हैं उन्हें ऐसे लोग पसंद आते हैं जो उनकी बात ध्यान से सुनें और हर कदम पर उनका साथ दें। DADT रिलेशनशिप में कम्युनिकेशन की कमी की वजह से कपल्स के बीच की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता और उनके बीच अंतरंगता भी गायब हो जाती है।